Every Indian should go For these 4 Test Before It is Too Late Nutritionist Rashi Chowdhary | हॉस्पिटल का कहीं चक्कर न लग जाए, हर इंडियन को जरूर कराने चाहिए 4 टेस्ट, परेशानियों से बच सकते हैं आप

admin

Every Indian should go For these 4 Test Before It is Too Late Nutritionist Rashi Chowdhary | हॉस्पिटल का कहीं चक्कर न लग जाए, हर इंडियन को जरूर कराने चाहिए 4 टेस्ट, परेशानियों से बच सकते हैं आप



Top 4 Critical Tests For Indians: क्या आप इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि रेगुलर टेस्ट अच्छी सेहत को मेंटेन रखने का जरिया है? न्यूट्रिशनिस्ट राशी चौधरी (Rashi Chowdhary) इस बात पर जोर देती हैं कि शुरुआती जांच न सिर्फ बीमारियों को खतरनाक स्टेज तक पहुंचने से रोकने में मदद करती है, बल्कि लॉन्ग टर्म में आपको हॉस्पिटल के भारी खर्चों से भी बचाती है. इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए एक वीडियो में, वो तीन जरूरी हेल्थ टेस्ट के बारे में बात करती हैं जो हर भारतीय को करवाने चाहिए. उनके मुताबिक, इन टेस्ट पर अभी थोड़ा खर्च करने से आपको बाद में बड़े हेल्थ कॉन्पलिकेशंस और महंगे ट्रीटमेंट से बचने में मदद मिल सकती है.
भारतीयों के लिए 4 जरूरी टेस्ट
1. विटामिन डी टेस्टराशी लिखती हैं, “70-90% से ज्यादा भारतीयों में विटामिन डी की कमी है, और महिलाएं इस कमी के प्रति अधिक संवेदनशील हैं. विटामिन डी सिर्फ एक विटामिन नहीं है. ये एक हार्मोन की तरह काम करता है और आपकी इम्यूनिटी, फर्टिलिटी, मूड और यहां तक कि वजन घटाने में भी अहम रोल अदा करता है.”
वह आगे कहती हैं, “80% भारतीय कमजोर हड्डियों, कम एनर्जी, ब्रेन फॉग, तनावग्रस्त रहने या सिर्फ एजिंग के साथ घूमते हैं, जबकि असल में ये विटामिन डी की कमी है.” पोषण विशेषज्ञ ये भी चेतावनी देती हैं, “अगर आप हर दिन मेटफॉर्मिन, स्टैटिन और टैकिट जैसी दवाएं ले रहे हैं, जो कि आप में से बहुत से लोग ले रहे हैं, तो बुरी खबर ये है कि ये आपके डी3 के लेवल को और भी कम कर देंगी, असल में नॉर्मल से 50% तेजी से. 
विटामिन डी का ऑप्टिमम लेवल: 60-70 एनजी/एमएल के बीच
विटामिन डी सप्लीमेंट्स कब लें?
राशी कहती हैं, “इसे किसी भी वक्त न लें, बल्कि इसे सुबह खाने से पहले फैट लें. ये इनटेक का सबसे अच्छा तरीका है. रात में इसे लेने से बचें, जब तक कि आप जागते रहना न चाहें क्योंकि ये आपकी नींद खराब कर सकता है और मेलाटोनिन में थोड़ा इंटरफेयर कर सकता है.”
 

2. एचबीए1सी और फास्टिंग इंसुलिन टेस्टराशी चौधरी चेतावनी देती हैं कि “50% भारतीयों में साइलेंट डायबिटीज नामक बीमारी है.” गर्दन पर काले धब्बों की एक तस्वीर दिखाते हुए, वो अन्य लक्षण बताती हैं, “आपकी गर्दन पर काले धब्बे, मीठा खाने की ख्वाहिश होना और पेट भरा होने पर भी या भोजन के तुरंत बाद स्नैक्स लेना, दोपहर में झपकी लेने की इच्छा होना और निश्चित रूप से वजन बढ़ना. अगर ये सब आपको फैमिलियर लगता है, तो दोस्तों, अपने नंबरों की जांच कराने का वक्त आ गया है.”

न्यूट्रिशनिस्ट एक चौंकाने वाला फैक्ट शेयर करती हैं, “भारत में अब 130 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. सिर्फ 6-7 साल पहले, ये संख्या 70 मिलियन थी. और प्रीडायबिटीज में कोई साफ लक्षण नहीं दिखते हैं, आपको ये हो सकता है और टाइप 2 में बदलने तक आपको पता भी नहीं चलेगा. शुरुआती टेस्ट करवाना इसे रोकने का आपका सबसे अच्छा मौका है.”
एचबीए1सी का ऑप्टिमम लेवल: 5.3 से कम
फास्टिंग इंसुलिन का ऑप्टिमम लेवल: 5 एमआईयू/एल से कम
आप क्या करें?
न्यूट्रिशनिस्ट सलाह देती हैं, “अगर आपके स्तर सामान्य से अलग हैं, तो ये एक संकेत है कि आपको अपने चावल, रोटी, बाजरा, शाम की चाय और बिस्कुट. इन सभी में बदलाव करने की जरूरत है.”

3. फैटी लिवर स्क्रीनिंगएक गोल पेट की तस्वीर की तरफ इशारा करते हुए, राशी कहती हैं, “आप सोचते हैं कि ये सिर्फ चर्बी है, लेकिन अक्सर यह फैटी लिवर का संकेत होता है. समझिए, ये विसरल फैट है जो आपके अंगों के चारों ओर, खासकर आपके लिवर के चारों ओर जमा हो रहा है.”
वो बताती हैं कि जो लोग ज्यादा वजन वाले नहीं हैं, उन्हें भी फैटी लिवर हो सकता है.” अगर आपका पेट सख्त, गोल और बाहर निकला हुआ है, भले ही आप ज्यादा वजन वाले न हों, तो ये एक क्लासिक साइन है. और अगर आपको अपनी गर्दन के आसपास भी चर्बी जमा होती दिख रही है, तो ये आपके लिवर एंजाइम का टेस्ट कराने का वक्त है, इससे पहले कि ये ज्यादा गंभीर हो जाए.”
राशी आगे कहती हैं, “भारत अब दुनिया की नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) की राजधानी है. जिन लोगों का वजन ज्यादा नहीं है, उन्हें भी ये डायग्नोज हो रहा है. अगर आपको पीसीओएस, इंसुलिन रेजिस्टेंस या डायबिटीज है, तो मुमकिन है कि आपको ये पहले से ही है या आप हाई रिस्क पर हैं.”
4. अन्य टेस्टराशी चौधरी कहती हैं, “अपने एएलटी, एएसटी, एल्बुमिन लेवल की जांच कराएं, और अगर ये सभी ज्यादा हैं, तो ये सूजन का इशारा देगा. आप तब एक साधारण अल्ट्रासाउंड भी करवा सकते हैं, एक हेल्दी लिवर दिखाएगा कि फैट 5% से कम है. 6 से 33% के बीच ग्रेड वन फैटी लिवर है, ग्रेड 2 का मतलब 34-66% फैट है, और 66% से ज्यादा कुछ भी ग्रेड 3 है जिसका मतलब है कि सीरियस डैमेज हुआ है और ये कुछ ऐसा नहीं है जिसे आप अनदेखा कर सकते हैं.” वो आखिर में कहती हैं, “इन 4 टेस्ट को करवाने से आप खुद को बाद में होने वाले बहुत सारे स्ट्रगल से बचा लेंगे.”
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



Source link