EV D68 Virus is preying on children turns the body into a skeleton symptoms are minor like running nose | EV-D68 Virus: बच्चों को शिकार बना रहा ये वायरस, शरीर को बना देता है कंकाल, लक्षण नाक बहने जैसे मामूली

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EV D68 Virus is preying on children turns the body into a skeleton symptoms are minor like running nose | EV-D68 Virus: बच्चों को शिकार बना रहा ये वायरस, शरीर को बना देता है कंकाल, लक्षण नाक बहने जैसे मामूली



अमेरिका के बच्चों पर एक नए वायरस का खतरा मंडरा रहा है. इस वायरस का नाम एक एंटरोवायरस D68 (EV-D68) है. इसकी विशेषता है, इंफेक्शन से बॉडी किसी भी समय पैरालाइज हो जाता है.
इस वायरस ने पोलियों जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा दिया है. यह वायरस कमजोर लोगों को अपना शिकार बनाता है. इसमें बच्चे, कमजोर इम्यूनिटी वाले या किसी बीमारी से ग्रस्त लोग शामिल हैं.  
2014 में आया था पहला केस
EV-D68 का पहला मामला 2014 में सामने आया था, और तब से यह समय-समय पर महामारी की तरह उभरा है. अब यह वायरस फिर से सालों बाद एक्टिव हो गया है. अमेरिकन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इसके मामलों में अचानक वृद्धि हो रही है.
इंफेक्शन से दिखते हैं मामूली लक्षण
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, इस वायरस के इंफेक्शन से बहुत ही मामूली लक्षण दिखायी देते हैं. इसमें बुखार, खांसी, नाक बहना, और सांस लेने में कठिनाई, मांसपेशियों में कमजोरी, शामिल है. लेकिन कुछ मामलों में यह नर्वस सिस्टम को प्रभावित करके गंभीर दिक्कतें भी पैदा कर सकता है, जिसके कारण बॉडी पैरालाइज्ड भी हो सकती है. 
कैसे फैलता है ये वायरस 
ईवी-डी68 का इंफेक्शन छींकने या खांसने, एक ही बर्तन से पानी या खाने और दूषित सतहों और वस्तुओं को छूने से फैल सकता है. CDC की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में अब तक इस वायरस के 13 गंभीर मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें मरीज एक्यूट फ्लेसिड मायलाइटिस (एएफएम) के कारण ठीक से सांस नहीं ले पाते.
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बचाव के उपाय
इस वायरस से बचने के लिए हाथों को नियमित रूप से धोना चाहिए. मौसमी फ्लू और अन्य संबंधित बीमारियों के लिए टीकाकरण कराएं. बच्चों को खांसी या छींकने पर मुंह कवर करने को कहें. भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रहें.
स्वास्थ्य विभाग की सलाह
स्वास्थ्य विभाग ने पेरेंट्स को सलाह दी है कि यदि बच्चों में इंफेक्शन के  लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं. इसके अलावा, बच्चों को पर्याप्त पानी, आराम करने और संतुलित आहार दें. 



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