World Encephalitis Day: दिमागी बुखार को इंसेफेलाइटिस भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें मरीज इंसेफेलाइटिस वायरस से संक्रमित होता है. ये बीमारी दिमाग में सूजन के कारण होती है और भारत के कुछ इलाकों में इसे चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है. दिमागी बुखार के ज्यादातर मामले बच्चों में देखने को मिलते है, जिसका समय पर इलाज ना करवाया जाए तो मरीज की मौत भी हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर मिनट में 1 व्यक्ति इंसेफेलाइटिस से संक्रमित होता है.कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
आज वर्ल्ड इंसेफेलाइटिस डे है और आज के दिन इस बीमारी से बचने और लोगों को इस भयावह बीमारी के प्रति जागरूक किया जाता है. द इंसेफेलाइटिस सोसाइटी ने साल 2014 में इस दिन की स्थापना की थी, लेकिन आज भी करोड़ों लोग इस बीमारी से अनजान हैं. दिमागी बुखार में व्यक्ति को तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है. तो आइए आज इस बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करते हैं.
इंसेफेलाइटिस के शुरुआती लक्षणइंसेफेलाइटिस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में शुरू-शुरू में तेज सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, तेज बुखार आदि लक्षण देखने को मिलते हैं. इसके अलावा, मरीज को उल्टी, दस्त और मानसिक स्थिति में बदलाव महसूस होता है. यदि इसका सही समय पर इलाज नहीं करवाया जाए तो ये भयानक रूप ले सकता है, जिसके बाद मरीज को दौरे पड़ना, आंखों में धुंधलापन, मेंटल हेल्थ में बदलाव जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं.
बचाव के तरीके
यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है. ऐसे में अपने आसपास साफ सफाई रखें और मच्छरों को पनपने ना दें.
साबुन और पानी से बार-बार और अच्छी तरह से हाथ धोएं, खासकर शौचालय का उपयोग करने के बाद और खाने से पहले.
अपने बच्चों को अच्छी स्वच्छता की प्रैक्टिस करवाएं और घर व स्कूल में बर्तन शेयर ना करने को बोलें.
अपना और अपने बच्चों का टीकाकरण करवाएं. कहीं जाने से पहले अनुशंसित टीकाकरण के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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