electronic scoring target machine of shooting range has been out of order at Eklavya sports Stadium of agra

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आगरा. हाल ही में समाप्त हुए पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल में मनु भाकर ने मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित महसूस कराया है. मनु भाकर से प्रेरणा लेकर आगरा की कई बेटियां अब शूटिंग रेंज की तरफ कदम बढ़ा रही है. उनका भी सपना है कि वह देश के लिए मेडल लेकर आएं. लेकिन, लचर व्यवस्था उन सपनों के बीच में रोड़ा बन गया है.

एकलव्य स्पोर्ट स्टेडियम में शूटिंग में खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए 2014 में इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग टारगेट मशीन लगाया था. यह मशीन पिछले डेढ़ साल से खराब है. इस मशीन के खराब होने से खिलाड़ी सटीक निशाना नहीं देख पा रहे हैं.

डेढ़ साल से खराब है इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग टारगेट मशीन

इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग टारगेट मशीन को ठीक करने के लिए कोच, खिलाड़ी और अभिभावकों ने क्षेत्रीय कीड़ा अधिकारी से कई बार शिकायत की. लेकिन, अभी तक शिकायत का समाधान नहीं हो सका है. इस मशीन से 10 मीटर एयर पिस्टल से शूटिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है. हर रोज 30 से 40 खिलाड़ी 10 मीटर एयर पिस्टल की ट्रेनिंग करते हैं. लेकिन, इस मशीन के खराब रहने से टारगेट का सही आकलन नहीं हो पा रहा है. पिछले दो सालों से ट्रेनिंग ले रही डॉ. हिमालय का कहना है कि शायद हमारा देश ओलंपिक में इसलिए पिछड़ता है कि उन्हें बेहतर सुविधा नहीं मिल पाती है. यहां डेढ़ साल से इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग टारगेट मशीन खराब है. जिससे खिलाड़ी सटीक टारगेट नहीं देख पा रहे हैं.

ठीक करने में एक से डेढ़ लाख रुपए आएगा खर्च 

कोच हिमांशु का कहना है कि शूटिंग मशीन की खराबी को लेकर कई बार अधिकारियों को जानकारी दी गई है. लेकिन, अभी तक यह मशीन ठीक नहीं हो पाया है. इस मशीन का काम बारीक निशाने को स्क्रीन पर दिखाना है. अब ऐसे में जो खिलाड़ी ट्रायल की तैयारी कर रहे हैं. उनको अपने सटीक निशाने का आकलन नहीं हो पा रहा है. उनकी प्रतिभा ठीक से सामने नहीं आ रही है. इस मशीन को ठीक करने में एक से डेढ़ लाख रुपए का खर्चा आएगा.

इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग टारगेट मशीन का क्या है काम

आरएसओ एससी जोशी का कहना है कि मशीन की खराबी को लेकर शिकायतें मिली है. दो बार पत्र शासन को भेजा गया है और बजट मांगा गया है. बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग टारगेट मशीन पर जब निशानेबाज निशान लगता है तो उसके टारगेट का पता सामने स्क्रीन पर चलता है. सामने लगी स्क्रीन पर निशाना साफ दिखाई देता है कि निशाना टारगेट के कितने करीब लगा और कितने अंक निशानेबाज को मिले. इससे अभ्यास को और धार मिलता है.
Tags: Agra news, Local18, Sports news, UP newsFIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 20:38 IST

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