अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: कानपुर के लोग अब ताइवान के पपीते का स्वाद लें सकेंगे. इतना ही नहीं इसका उत्पादन भी किसान कर सकेंगे और इससे लाखों रुपए का मुनाफा कमा सकेंगे. दरअसल, कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में पहली बार ताइवानी पपीते के पेड़ लगाए गए हैं. जिसमें इस बार दो प्रजाति रेड लेडी और रेड बेबी के पेड़ लगाए गए हैं. ताइवान पपीते की बात की जाए तो इसमें एक पेड़ में लगभग एक क्विंटल के आसपास फल निकलते हैं.
वहीं भारतीय पपीते के पेड़ों की बात की जाए तो इसमें एक पेड़ में ज्यादा से ज्यादा 20 से 25 किलो फल निकलता है.इतना ही नहीं इसका फल बेहद स्वादिष्ट होता है और लाभदायक होता है. कानपुर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में पहली बार ताइवान पपीता का पेड़ लगाया गया है जिसमें रेड लेडी और रेड बेबी प्रजाति शामिल है. आपको बता दें ताइवान में दुनिया के सबसे बड़े सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल का केंद्र मौजूद है. जहां पर विभिन्न वेजिटेबल पर शोध होता है. वहीं से यह प्रजाति के पौधे लाकर यहां पर लगाए गए हैं. अगर इनका यहां की जलवायु के हिसाब से अच्छा रिजल्ट आता है तो आगे और पेड़ मंगाकर यहां पर लगाए जाएंगे और किसानों को भी इन पेड़ों को लगाने के लिए कहा जाएगा ताकि वह भी इन पेड़ों को लगाकर अधिक उत्पादन करके मुनाफा कमा सके.
ताइवानी ब्रीड के पपीता की खेती में होता है फायदाकेंद्र के प्रभारी डीपी सिंह ने बताया सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में पहली बार ताइवान के पपीता के पेड़ को स्थापित किया गया है. जिसमें इस बार दो वैरायटी लगाई गई है. यहां पर काफी अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं. पेड़ में काफी अच्छी संख्या में फल आया है. अभी आगे और बड़ी संख्या में पेड़ मंगाकर लगाए जाएंगे और किसानों को भी ईश्वर प्रेरित किया जाएगा कि वह भी इस तरीके की खेती करके या बागवानी करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
.Tags: Farming, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : December 9, 2023, 19:06 IST
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