विशाल झा/ गाजियाबाद : गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल में रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए पहुंचते है. लेकिन जिला एमएमजी अस्पताल में इलाज के लिए न पर्याप्त डॉक्टर है और न ही सुविधाएं . गाजियाबाद के विजयनगर में रहने वाले मजदूर संजय कुमार 2 नवंबर की रात को मजदूरी करके घर लौट रहे थे. उसी समय सड़क क्रॉस करते हुए पीछे से आई एक तेज रफ्तार गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी और संजय बेहोश होकर गिर पड़े. जब अस्पताल में उन्हें होश आया तो पता लगा की हाथ और पैर के दोनों अंगों में सूजन है. इसलिए संजय की जीवन को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता है.
जिला एमएमजी अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शेखर यादव ने बताया कि अस्पताल में फिलहाल हड्डी जोड़ने के लिए प्लेट, रोड और अन्य सर्जिकल सामान नहीं है. ऐसे में मरीज की पत्नी कविता को बाहर से सामान लाने के लिए कहा गया था. लेकिन यह सामान 18 हजार रुपए का पड़ रहा था. संजय की पत्नी के पास इतने पैसे नहीं थे. ऐसे में महीने बीत गए लेकिन इलाज नहीं हो पाया. आलम यह है कि अब संजय से मिलने के लिए उनके परिवार वाले भी सामने नहीं आ रहे है.
मरीजों को दी जाती है दिल्ली भेज देने की धमकीसंजय बताते हैं कि डॉक्टर ने कहा कि बाहर से सामान खरीद कर लाना होगा तभी इलाज हो पाएगा. कई बार दिल्ली भेज देने की भी धमकी दी गई. संजय बताते हैं कि गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती मरीजों को सही समय पर खाना और दवाई भी नहीं दी जाती है और न ही डॉक्टर ठीक से व्यवहार कर रहे है.
सीएमएस ने दिया समाधान का भरोसाजिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर मनोज चतुर्वेदी ने न्यूज 18 लोकल को बताया कि मरीज के परेशानी के बारे में जानकारी मिली है. ऐसे में एक संस्था से बात की गई है जो मरीज के इलाज का खर्च उठाएगी. सामान आते ही विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा मरीज की सर्जरी करी जाएगी.
.Tags: Ghaziabad News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : December 4, 2023, 17:53 IST
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