विशाल झा/ गाजियाबाद: गाजियाबाद में नवरात्रि की तैयारी जोरो पर चल रही है. शहर के मुख्य बाजार सज चुके हैं और जिले की सबसे पुरानी सुल्लामल रामलीला का मंचन भी शुरू हो चुका है. इस बार सुल्लामल रामलीला में महिला निर्देशिका नीरा अपने कलाकारों के साथ दर्शकों के बीच रहेंगी.
दरअसल, सबरंग संस्था की फाउंडर नीरा इस बार इस मंचन में 8 वर्ष से लेकर 80 वर्ष के व्यक्ति को भी किरदार निभाने का मौका दे रही है. इस संस्था की शुरुआत 2017दिसंबर माह में हुई थी. जिसके अंतर्गत स्लम क्षेत्र में वर्कशॉप, स्टोरी टेलिंग, पेंटिंग, सिंगिंग आदि किया जाता है. इस बार गाजियाबाद की सुल्लामल रामलीला में 75 से भी ज्यादा कलाकार मंचन कर रहे हैं.
गाजियाबाद ही बन जाता है मेरा मायकादिल्ली के कालका जी में रहने वाली नीरा बताती है कि जब तक यह रामलीला चलती है तब तक वह अपना में का गाजियाबाद को ही मान लेती है. क्योंकि इन दिनों उन्हें गाजियाबाद में ही रुकना पड़ता है. क्योंकि इन आर्टिस्ट को ट्रेनिंग देनी पड़ती है. इस बार 75 वर्ष से ज्यादा के जो आर्टिस्ट है वो शबरी की भूमिका निभा रहें है, वही 8 साल का आर्टिस्ट भगवान राम के बचपन के दौर का किरदार निभा रहा है. इन आर्टिस्ट को इसी बात को ध्यान में रखते हुए चुना जाता है की उनमे रामायण और भगवान राम के प्रति कैसे भाव है.
गाजियाबाद के रामलीला मंचनों में अपनी पहली महिला निर्देशिका होने पर नीरा ने बताया कि सुल्लामल रामलीला कमेटी में काफी सकारात्मक और सुरक्षित महसूस होता है. क्योंकि यह सभी रामायण के मूल भाव से जुड़े हुए हैं और भगवान राम का सम्मान करते है. इनके द्वारा की गई लीला मंचन में कभी कोई भड़काऊ या फिर चटपटे डायलॉग नहीं होते.
राम जी से ज्यादा लक्ष्मण के किरदार पर रहता है प्रेशरये सभी आर्टिस्ट लोगों के सामने लीला मंचन से पहले लगभग डेढ़ महीने तक ट्रेनिंग करते है. इसके अलावा लास्ट मूवमेंट इमरजेंसी को देखते हुए कुछ एक्स्ट्रा आर्टिस्ट भी हमेशा तैयार रहते हैं जो आपातकालीन स्थिति में स्टेज को संभाल सके. लोगों को अक्सर यह लगता है कि राम जी का किरदार काफी महत्वपूर्ण है और इसके किरदार को निभा रहे कलाकार पर ज्यादा दबाव रहता है. लेकिन हकीकत यह है कि लक्ष्मण जी का जो करेक्टर है उसको निभाने वाले पर दबाव ज्यादा रहता है. क्योंकि वह एक काफी सीरियस कैरेक्टर हैं.
नीरा के परिवार में लोग डॉक्टर, शिक्षक और इंजीनियरिंग क्षेत्र से जुड़े हुए थे. अभिनय के क्षेत्र में नीरा ने अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत पहचान बनाई है.नीरा 2017 से रामलीला मंचन को अपने कलाकारों द्वारा करवा रही है. वर्ष 2004 में नीरा ने बात और कलाकार अपना पहला प्ले किया था. इसके साथ ही वर्ष 2012 से ऑल इंडिया रेडियो में उद्घोषिका के पद पर भी नीरा कार्य कर रही है.
बदलते दौर में बॉलीवुड के गाने हुए शामिलरामलीला मंचन के बदलते द्वार पर बात करते हुए नीरा ने बताया की पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष रामलीला मंचन हाईटेक हो गया है. जिसमें स्टेज पर एल.ई. डी स्क्रीन के माध्यम से जंगल, वृक्ष आदि दृश्यों को दर्शाया गया है. एक बात जो परेशान करती है वो ये की कई लोग रामलीला मंचन में बॉलीवुड के गाने और डायलॉग को भी जगह दे देते है. जो देखने वाली ऑडियंस के बीच में एक गलत संदेश पहुंचाती है. ऐसा करने से रामलीला मंचन समितियां को बचाना चाहिए.
.Tags: Ghaziabad News, Local18, VijayadashamiFIRST PUBLISHED : October 13, 2023, 18:16 IST
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