अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का एक प्रमुख रूप है जो स्मृति, सोच और व्यवहार को प्रभावित करता है. समय के साथ, इसके लक्षण इतने गंभीर हो जाते हैं कि रोजमर्रा के कार्य करना भी मुश्किल हो जाता है.
यह डिमेंशिया का प्रमुख कारण है, जिसमें गंभीर स्मृति हानि और अन्य मानसिक दोष शामिल होते हैं जो दैनिक जीवन में बाधा उत्पन्न करते हैं. डॉ. रमीज पटवेगर, प्रमुख-तकनीकी संचालन, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड बताते हैं कि अल्जाइमर रोग डिमेंशिया के 60-80% मामलों के लिए जिम्मेदार है. इस बीमारी को शुरुआती स्टेज में पहचानना मरीज के जीवन कई गुना तक आसान बना सकता है. अल्जाइमर के लक्षण और इसके निदाने के उपायों के बारे में यहां आप एक्सपर्ट की मदद से डिटेल में जान सकते हैं.
अल्जाइमर के लक्षण
मस्तिष्क में अल्जाइमर रोग बढ़ने के साथ ही इसके लक्षण भी गंभीर होते जाते हैं. इनमें मनोदशा और व्यवहार में परिवर्तन, घटनाओं, समय और स्थान को लेकर कंफ्यूजन, परिवार, दोस्तों और देखभाल करने वालों को लेकर संदेह, कुछ भी याद ना रहना साथ ही बोलने, निगलने और चलने में कठिनाई शामिल है.
दिमाग में किसी गड़बड़ी के कारण होता है अल्जाइमर
मस्तिष्क की कोशिकाएं अपने कार्य को करने के लिए छोटे कारखानों की तरह काम करती हैं. वे आपूर्ति प्राप्त करती हैं. ऐसे में अल्जाइमर रोग कोशिका के कुछ हिस्सों को ठीक से चलने से रोकता है. वैसे तो अल्जाइमर होने का वास्तविक कारण का अभी तक कोई पता नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन इस बीमारी के कारण ब्रेन का एक हिस्सा धीरे-धीरे ठप पड़ने लगता है. जैसे-जैसे क्षति फैलती है, कोशिकाएं कार्य करने की अपनी क्षमता खो देते हैं और अंततः मर जाती हैं, जिससे ब्रेन में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जिसे दोबारा ठीक नहीं किया जा सकता है.
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शुरुआती स्टेज में अल्जाइमर का निदान समस्या कम कर सकता है
मस्तिष्क में सूक्ष्म परिवर्तन स्मृति हानि के शुरुआती संकेतों से काफी पहले होने लगते हैं. अल्जाइमर के रोगविज्ञान को मस्तिष्कमेरु द्रव (सीएसएफ) में एβ42 के निम्न स्तर और t-tau और p-tau के उच्च स्तर से जोड़ा गया है, जो रोग के शुरुआती पता लगाने में मदद कर सकता है. अल्जाइमर रोग के शुरुआती पता लगाने के लिए अतिरिक्त बायोमार्करों का पता लगाने के लिए शोध जारी है. यदि अल्जाइमर को शुरुआती स्टेज में पकड़ लिया जाए तो इससे होने वाले ब्रेन के डैमेज को धीमा किया जा सकता है.
निदान तकनीक और उन्नति
अल्जाइमर रोग के शुरुआती निदान के लिए आवश्यक निदान तकनीकों पर निर्भर करता है. ये तरीके चिकित्सा पेशेवरों को संज्ञानात्मक गिरावट की पहचान करने, अल्जाइमर को अन्य प्रकार के डिमेंशिया से अलग करने और रोग की प्रगति की निगरानी करने में सहायता करते हैं. नैदानिक सटीकता बढ़ाने, गलत निदान को कम करने और समय पर हस्तक्षेप को सक्षम करने के लिए विश्वसनीय निदान उपकरणों का विकास और उपयोग महत्वपूर्ण है.