दुधारू पशुओं के लिए अमृत है ये हरी घास, इसके इस्तेमाल से गाय-भैंस देने लगेंगी बाल्टी भर-भर दूध

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Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:January 27, 2025, 18:09 ISTकिसान अजोला खिलाकर दूध उत्पादन बढ़ा सकते हैं. कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार, अजोला कम लागत में तैयार होता है और पोषक तत्वों से भरपूर है.X

अजोला शाहजहांपुर: कई किसान ऐसे होते हैं जो खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं. किसान पशुओं से अच्छा दूध उत्पादन लेने के लिए तमाम उपाय करते हैं, लेकिन अगर किसान पशुओं को पानी में उगने वाली घास अजोला को बरसीम या भूसा के साथ मिलाकर खिलाएं, तो पशुओं के दूध उत्पादन में भारी इजाफा होगा. खास बात है कि इस घास को तैयार करने के लिए बेहद कम लागत आती है. अजोला, मुर्गियों को भी फीड के साथ दिया जा सकता है.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट  डॉ. एनपी गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जलीय पौधा अजोला, जो तालाबों, झीलों और गड्ढों में ठहरे हुए पानी में अपने आप उग आता है उसे पशुओं को हरे चारे के तौर पर दिया जा सकता है. इसके अलावा मुर्गियों और मछलियों को भी यह खिलाया जाता है. डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि पशुओं को रोजाना अजोला खिलाने से 10 से 15 दिन के बाद दूध में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. अजोला मछलियों को खिलाने से उनकी संख्या और उनका वजन भी जल्दी बढ़ेगा. वहीं अजोला अगर मुर्गियों को फीड के तौर पर दिया जाता है, उससे उनके अंडों की गुणवत्ता बेहतर होगी.

कितनी मात्रा में दें अजोला 

एक स्वस्थ पशु को रोजाना 2- 2.5 ग्राम अजोला दिया जा सकता है. अजोला को भूसा और बरसीम में मिलाकर पशुओं को दे सकते हैं. अजोला 6 महीने से ऊपर के पशुओं को दिया जा सकता है. 1 साल तक के पशु को 1 किलो और 2 साल के पशु को 2 किलो और इससे अधिक उम्र वाले पशुओं को 2- 2.5 किलोग्राम रोजाना दिया जा सकता है.

पोष्टिक तत्वों से है भरपूर 

डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि अजोला में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें बोरान, आयरन और फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है. इसके अलावा भारी मात्रा में इसमें प्रोटीन भी पाया जाता है. अजोला एक पौष्टिक आहार है.

अजोला कैसे करें तैयार 

अगर आप अजोला को तैयार करना चाहते हैं. तो उसके लिए एक मीटर चौड़ी और 3 मीटर लंबी कंक्रीट की क्यारी बना लें. जिसकी गहराई करीब 1 फिट रखें. उसके बाद उसमें नीचे थोड़ी मिट्टी डालने के बाद उसमें पानी भर दें. 200 से 400 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट रासायनिक खाद पानी में डाल दें. इसके बाद इसमें अजोला स्वयं ही तैयार हो जाएगा. डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि इससे पहले दक्षिणी भारत में अजोला का प्रचलन था लेकिन अब उत्तरी भारत में भी इसकी काफी मांग बढ़ रही है.
Location :Shahjahanpur,Uttar PradeshFirst Published :January 27, 2025, 18:04 ISThomeuttar-pradeshगाय-भैंस को खिलाएं ये पानी वाली घास, बाल्टी भर कर देना शुरू कर देंगी दूध

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