लखनऊ. उत्तर प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को दशहरा से पहले योगी सरकार ने बड़ी सौगात दी है. यूपी में बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी. यूपी विधुत नियामक आयोग ने यूपीपीसीएल के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. यूपी में पिछले लगातार 5वें साल भी नहीं बिजली दरें नहीं बढ़ेंगी और पहले से तय दर पर ही बिल की वसूली की जाएगी. ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है. कनेक्शन जोड़ने और काटने समेत कई मदों में शुल्क बढ़ोतरी के प्रस्ताव को भी नियामक आयोग ने खारिज कर दिया है. योगी सरकार ने इस वर्ष 17.5 करोड़ की सब्सिडी घोषित की है.प्रदेश की बिजली कंपनियों ने बिजल दर बढ़ाने की मांग की थी लेकिन विद्युत नियामक आयोग उपभोक्ताओं को त्योहार का तोहफा देते हुए लगातार पांचवीं साल बिजली दरें बढ़ाने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं निगमों की ओर से कनेक्शन काटने से लेकर जोड़ने और कई तरह के चार्ज को लेकर दिए गए प्रस्ताव दिए थे. नियाकम आयोग ने इन मांगों को भी खारिज कर दिया.नियामक आयोग ने और भी अन्य प्रमुख फैसले लिए. इसमें स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर कनेक्शन जोड़ने या काटने पर 50 रुपया प्रस्तावित शुल्क खारिज किया गया. एसएमएस के लिए 10 रुपया शुल्क लेने के प्रस्ताव को भी खारिज किया गया. उपभोक्ता तीन किलोवाट पर 3 फेज का कनेक्शन ले सकते हैं.निगमों ने 11203 करोड़ का घाटा दिखाया गया था जिसे आयोग ने खारिज कर दिया. बिजली उपभोक्ताओं को और भी राहत प्रदान की गई है. बिजली कंपनियां बिजली उपभोक्ताओं का लोड मनमानी तरीके से हर तीन माह की रिपोर्ट के आधार पर नहीं बढ़ा सकेंगी. नई व्यवस्था के मुताबिक, लोड बढ़ाते समय एक साल की रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा. उसी के आधार पर लोड बढाया जाएगा.FIRST PUBLISHED : October 10, 2024, 23:49 IST