अंजलि सिंह राजपूतलखनऊः ड्रोन मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर रोबोटिक साइंटिस्ट मिलिंद राज ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जिसके जरिए मलबे में दबे हुए लोगों को उनकी सांस या उनकी आवाज के जरिए उन्हें ढूंढा जा सकेगा. इसके जरिए उन्हें सही सलामत निकाला जा सकेगा. इस डिवाइस का पहली बार उपयोग मिलिंद राज ने 24 जनवरी 2023 को लखनऊ में हुए अलाया अपार्टमेंट में किया था, जहां पर मलबे में दबे हुए कई लोगों की जिंदगी इस डिवाइस के जरिए बचाई गई थी.
मिलिंद राज ने बताया कि इस डिवाइस को उन्होंने उसी दिन तीन घंटे के अंदर बनाया था और तुरंत मौके पर डिवाइस लेकर पहुंच गए थे. वहां पर यह डिवाइस काफी सफल रही थी. शासन-प्रशासन समेत एनडीआरएफ के अधिकारी प्रभावित हुए थे और उन्होंने भी बाद में इनसे संपर्क किया था इस डिवाइस के बारे में जानने के लिए.
ऐसे काम करती है डिवाइसउन्होंने बताया कि इस डिवाइस में पावर बैंक का इस्तेमाल किया गया है, जो लंबे वक्त तक चलता है. इस डिवाइस को उन्होंने हार्स नाम दिया है. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस के जरिए मलबे में दबे हुए लोगों की लोकेशन उनकी दिशा और उनकी वर्तमान स्थिति सब कुछ पता चल जाती है. मेन कंट्रोलर के डिस्प्ले पर रेस्क्यू डिवाइस डेप्थ डायरेक्शन लिखा हुआ होता है. जिस पर चार लाइट है जो एंटी क्लॉक वाइज घूमती हैं. यह चारों लाइट में से हर एक दिशा की लाइट जिस दिशा में व्यक्ति दबा होता है उसका पता चलते ही उस दिशा की ओर ही जलने शुरू हो जाती हैं. जिससे मलबे में दबे लोगों की दिशा और दूरी का भी पता चल जाता है.
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ट्यूब कैप्सूल डिवाइस गड्ढे के अंदर डाली जाती है, जिसके जरिए दबे हुए व्यक्ति का सारा डाटा सामने आ जाता है. उसकी आवाज को सुनने के लिए इसमें हेडफोन का भी इस्तेमाल किया गया है, जो बेहद छोटे हैं, उसी के जरिए संवाद मलबे में दबे लोगों से बनाया जाता है.
गैस सेंसर तकनीक भी लगी हैमिलिंद राज ने बताया कि जब मलबे में लोग दबे होते हैं तो अक्सर ऐसा होता है कि एलपीजी गैस लीक होने लगती है या फिर पाइप लाइन फट जाती है. ऐसे में अंदर पानी भरना शुरू हो जाता और लोग उसी में दबे होते हैं. ऐसे में इसमें गैस सेंसर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिसके जरिए यह पता चल जाएगा कि अंदर एलपीजी या किसी भी दूसरे प्रकार की कोई गैस है या नहीं है. अगर अंदर गैस होगी तो उसे ऑक्सीजन देना मुश्किल हो जाएगा.
गैस होने पर अगर ऑक्सीजन दे दिया गया तो बड़ा धमाका होने का डर रहता है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मेन कंट्रोलर के ऊपर एक रेड कलर की लाइट लगी हुई है जो अंदर की गैस या पानी की स्थिति को पता चलते ही अलार्म देने लगती है.
इन घटनाओं में बनेगी वरदान
1-यह डिवाइस भूकंप आने पर यदि कोई इमारत गिर जाती है तो उसमें दबे हुए लोगों को बचाने के काम आएगी.
2- कोई इमारत अपने आप गिर गई है तो उसमें भी दबे हुए लोगों को निकालेगी.
3- किसी भी तरह की कोई दुर्घटना में लोग फंसे हुए हैं या दबे हुए हैं उन सभी को निकालने के काम आएगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Lucknow news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : March 28, 2023, 22:01 IST
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