बाराबंकी. उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जिला कभी अफीम की खेती के लिए प्रसिद्ध हुआ करता था. लेकिन यहां अब यह ट्रेंड बदल चुका है और किसान पिछले कुछ सालों से ड्रैगन फ्रूट खेती करने लगे हैं. ड्रैगन फ्रूट की बाजार में जबरदस्त डिमांड और किसानों को अच्छी कीमत भी मिल जाती है.
बाराबंकी जिले के हरख ब्लॉक क्षेत्र स्थित सैदहा गांव निवासी किसान संग्राम सिंह ड्रैगन फ्रूट की खेती कर लाखों में मुनाफा कमा रहे हैं. करीब तीन बीघे में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर 5 से 6 लाख तक मुनाफा कमा करे रहे हैं. ड्रैगन फ्रूट की कई किस्म है और मौसम के अनुकूल वैरयटी की खेती की जाती है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाखों में कर सकते हैं कमाई
देश में सबसे अधिक लाल किस्म की ड्रैगन फ्रूट की खेती होती है. इस किस्म के पौधों से जो फल निकलता है, उसका अंदरूनी भाग गुलाबी होता है. साथ ही पक जाने पर फल का ऊपरी रंग भी गुलाबी हो जाता है. इस किस्म की खासियत यह होती है कि यह खाने में बेहद स्वादिस्ट होता है. इसलिए बाजार में और किस्मों के मुकाबले इसकी कीमत अच्छी होती है. ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे किसान संग्राम सिंह ने लोकल 18 को बताया कि पहले धान, गेहूं और मेंथा की खेती करते थे. किसी से ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में जानकारी मिली तो 2023 में इसका कलम लाकर लगाया. इसका मदर प्लांट गुजरात का है. उन्होंने बताया कि एक बीघे में लगभग 150 पौधे लगते हैं और एक बीघे में करीब डेढ़ लाख की लागत आती है. वहीं मुनाफे की बात करें तो एक बीघे में करीब 3 लाख रुपए तक का मुनाफा हो जाता है. बाजार में ड्रैगन फ्रूट 250 से लेकर 300 रूपये प्रतिकिलो में बिकता है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती करना है आसान
किसान संग्राम सिंह ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती करना काफी आसान है. पहले खेत की जुताई कर बेड बनाए जाते हैं, फिर इसमें सीमेंट के पोल गाढ़े जाते हैं. वहीं पोल के चारो तरफ ड्रैगन फ्रूट के चार पौधे लगाए जाते हैं. जब पेड़ थोड़ा बड़ा होने लगता है, तब इसे डोरी के सहारे पोल में बांध दिया जाता है. जिससे पौधा पोल पर फैल जाता है और तब इसकी देखरेख करना जरूरी रहता है. वहीं पौधा लगाने के महज 14 से 15 महीने में फल निकलना शुरू हो जाता है. इसके बाद आप तोड़कर बाजारों में बिक्री कर सकते हैं. ड्रैगन फ्रूट के पौधे एक बार तैयार होने के बाद 20 सालों तक फल लिया जा सकता है. इस दौरान इसे सिर्फ सिंचाई और खाद की जरूरत होती है. साथ ही खेत के खरपवार को साफ करते रहना जरूरी है.
Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 20:14 IST