हर बार जब HIV या AIDS शब्द सुनाई देते हैं, तो हमारे मन में एक ही तस्वीर उभरती है एक लाइलाज और जानलेवा बीमारी की. ज्यादातर लोग इन्हें एक ही बीमारी मान लेते हैं, लेकिन यह एक बड़ी गलतफहमी है. इस भ्रम की वजह से न केवल लोग डर और शर्म का शिकार होते हैं, बल्कि सही समय पर इलाज और समझदारी भरे फैसलों से भी चूक जाते हैं.
हाल ही में एक हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 70% लोग अब भी HIV और AIDS के बीच का अंतर नहीं जानते. यह केवल जागरूकता की कमी नहीं, बल्कि समाज में फैली भ्रांतियों का नतीजा है. इसीलिए जरूरी है कि हम समझें HIV और AIDS एक जैसे नहीं हैं, बल्कि एक दूसरे से अलग हैं और इस अंतर को जानना ही बीमारी से लड़ने की सबसे पहली सीढ़ी है.
HIV क्या है?HIV यानी ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस एक ऐसा वायरस है, जो शरीर की इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कमजोर करता है. यह वायरस शरीर में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स को निशाना बनाता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं. HIV से संक्रमित व्यक्ति सालों तक बिना किसी लक्षण के सामान्य जीवन जी सकता है, अगर उसे सही इलाज और ART (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) मिलती रहे.
AIDS क्या है?AIDS यानी एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम, HIV संक्रमण का अंतिम और गंभीर चरण होता है. जब शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स बहुत कम हो जाती हैं और व्यक्ति का इम्यून सिस्टम लगभग खत्म हो जाता है, तब HIV का संक्रमण AIDS में बदल जाता है. इस स्थिति में व्यक्ति को सामान्य बीमारियां भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं और जानलेवा हो सकती हैं.
क्या है बड़ा फर्क?HIV एक संक्रमण है, जबकि AIDS एक स्थिति या सिंड्रोम है, जो HIV से लंबे समय तक संक्रमित रहने के बाद विकसित होती है. HIV होने का मतलब ये नहीं कि आपको AIDS भी है. सही इलाज से HIV संक्रमित व्यक्ति पूरी जिंदगी बिना AIDS में बदले जिंदा रह सकता है और सामान्य जीवन जी सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.