India vs Australia Test: ऑफ स्टंप से बाहर जाती बॉल, बल्ला आगे और विराट कोहली आउट. इस नजारे से भारतीय क्रिकेट फैंस वाकिफ है. उन्हें ऐसा ब्रिस्बेन में भी देखने को मिला. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के तीसरे मुकाबले में कोहली ने फिर निराश कर दिया. वह मैच के तीसरे दिन पहली पारी में 3 रन बनाकर आउट हो गए. जोश हेजलवुड की बाहर जाती गेंद पर उन्होंने बल्ला लगा दिया और विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने शानदार कैच ले लिया.
तेंदुलकर की पारी देखने की सलाह
कोहली के फिर फेल होने के बाद महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने उन्हें बड़ी सलाह दी है. उन्होंने कोहली को ऑफ स्टंप के बाहर लाइन से जुड़ी अपनी समस्याओं पर काबू पाने के लिए 2004 में सिडनी में सचिन तेंदुलकर की शानदार पारी देखने की सलाह दी. गावस्कर ने सुझाव दिया कि कोहली को ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर ड्राइव करने की इच्छा पर रोक लगानी चाहिए ताकि वे आउट होने के पैटर्न को तोड़ सकें. इसने ऑस्ट्रेलिया में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में उनके फॉर्म और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सीरीज में लगातार कोहली को ऑफ स्टंप के बाहर परेशान किया है.
सुनील गावस्कर ने क्या कहा?
ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए गावस्कर ने कोहली को सलाह दी कि वे इस बात का अध्ययन करें कि 2004 में सिडनी टेस्ट के दौरान तेंदुलकर ने किस तरह अपने खेल से कवर ड्राइव को हटाने का फैसला किया था. इससे उन्हें इसी तरह की समस्या से निपटने में मदद मिली. उन्होंने कहा, ”हां, मुझे लगता है कि अभ्यास अलग है, लेकिन मैदान में जो होता है वह अलग है. मानसिकता पूरी तरह से अलग है. अभ्यास में जो होता है, आप जानते हैं, अगर आप खराब शॉट खेलते हैं, तो आप इससे बच सकते हैं. लेकिन मैच में, अगर आप आउट हो जाते हैं, तो आप आउट हो जाते हैं.”
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कोहली को तेंदुलकर जैसा करना चाहिए
गावस्कर ने कहा, “मुझे लगता है कि कोहली शायद वही कर सकते हैं जो सचिन तेंदुलकर ने 2004 में किया था. पहले तीन टेस्ट मैचों में वह ऑफ स्टंप के बाहर लाइन पर खेलते हुए आउट हो गए. वह स्लिप और शॉर्ट गली में कैच आउट हुए. जब वह सिडनी आए, तो उन्होंने तय किया कि वह कवर क्षेत्र में कुछ भी नहीं खेलेंगे. वह केवल गेंदबाज के फॉलो-थ्रू और मिड-ऑफ फील्डर के दाईं ओर और दूसरी तरफ बाकी सब कुछ खेलते थे. यही उनका संकल्प है. उन्होंने शायद ही कभी कवर ड्राइव खेला हो. मुझे लगता है कि 200-220 तक पहुंचने के बाद ही उन्होंने एक खेला. इस तरह का मानसिक नियंत्रण आपके पास होना चाहिए.”
सचिन ने ऑस्ट्रेलिया में क्या किया था?
2003-04 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के सिडनी टेस्ट में तेंदुलकर ने मानसिक अनुशासन का प्रदर्शन किया था. फॉर्म में गिरावट के दबाव में सचिन बार-बार कवर ड्राइव का प्रयास करते हुए आउट हो गए थे. ब्रेट ली, एंडी बिकेल और जेसन गिलेस्पी ने उनके ऑफ-साइड गेम का फायदा उठाने की योजना बनाई थी. इसे पहचानते हुए तेंदुलकर ने अपनी पारी के दौरान पूरी तरह से कवर ड्राइव खेलने से बचने का निर्णय लिया. तेंदुलकर ने नाबाद 241 रन बनाए, जो उनके शानदार करियर की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक है.
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गावस्कर को कोहली की वापसी का भरोसा
विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में मौजूदा सीरीज की शुरुआत पर्थ में शतक के साथ की थी. उसके बाद से वह फेल हो रहे हैं. गावस्कर ने भरोसा जताया कि कोहली के पास सीरीज में वापसी करने और अपनी मानसिक मजबूती साबित करने के लिए अभी भी समय है. उन्होंने कहा, ”कोहली ने भी यह कर दिखाया है. आप टेस्ट क्रिकेट में 9000 रन नहीं बना सकते और बिना दिमाग पर नियंत्रण किए 32 शतक नहीं लगा सकते. यहां दूसरी पारी है और दो और टेस्ट होने हैं. इसलिए अपना संकल्प दिखाने के लिए बहुत सारे अवसर हैं. तेंदुलकर ने जो दृढ़ संकल्प दिखाया, उसके अलावा कोहली को खुद के बड़े रन बनाने के वीडियो देखने चाहिए.”