Do antiseizure medicines affect the baby in the womb This claim came out in the study | क्या एंटी सीजर दवाओं का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है? स्टडी में सामने आया ये दावा

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Do antiseizure medicines affect the baby in the womb This claim came out in the study | क्या एंटी सीजर दवाओं का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है? स्टडी में सामने आया ये दावा



प्रेग्नेंसी के दौरान मिर्गी से पीड़ित महिलाओं के लिए एक राहत देने वाली खबर आई है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एंटीसीजर दवाओं लैमोट्रीजीन और लेवेतिरेसेटम को मां बनने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित बताया है. स्टडी में इन दवाओं के सेवन से मिर्गी से पीड़ित महिलाओं के बच्चों पर किसी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा, बल्कि इन दवाओं से महिलाओं को मिर्गी के दौरे कंट्रोल करने में मदद मिली. 
यह शोध विशेष रूप से अहम है क्योंकि मिर्गी के दौरे से गर्भवती महिला और भ्रूण दोनों को खतरा हो सकता है. इस शोध के परिणामों ने यह साबित कर दिया है कि सही दवाओं के सेवन से गर्भावस्था सामान्य रूप से चल सकती है, और इससे संबंधित कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं होती.
गर्भावस्था और मिर्गी का संबंध
मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो शरीर में अकड़न, कांपना, बेहोशी, बोलने में कठिनाई और पेशाब कंट्रोल न कर पाने जैसी समस्याओं का कारण बनता है. मिर्गी की समस्या से जूझ रही महिलाओं के लिए दवाइयां महत्वपूर्ण होती हैं, क्योंकि ये उनकी जीवनशैली को सामान्य बनाए रखने में मदद करती हैं. हालांकि, गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की दवाओं का सेवन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि कुछ दवाइयां भ्रूण को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं. इससे पहले किए गए शोधों में यह देखा गया था कि कुछ एंटी सीजर दवाइयां जैसे वैल्प्रोएट, बच्चों में ऑटिज्म और कम आईक्यू के जोखिम को बढ़ाती हैं. 
नए शोध के परिणाम
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने गर्भावस्था के दौरान मिर्गी के इलाज के लिए लैमोट्रीजीन और लेवेतिरेसेटम दवाओं के प्रभाव को स्टडी किया है. शोधकर्ताओं ने 298 मिर्गी से पीड़ित महिलाओं के बच्चों और 89 स्वस्थ महिलाओं के बच्चों के बीच तुलना की. जेएएमए न्यूरोलॉजी में प्रकाशित इस स्टडी में पाया गया कि जिन महिलाओं ने इन दवाओं का सेवन किया, उनके बच्चों का विकास नॉर्मल रहा. खासकर, छह साल तक के बच्चों की बोलने की क्षमता में कोई अंतर नहीं देखा गया, जो गर्भावस्था के दौरान इन दवाओं का सेवन कर रहे थे.
विशेषज्ञों की राय
इस शोध के प्रमुख लेखक और न्यूरोलॉजी एवं न्यूरोलॉजिकल विज्ञान के प्रोफेसर किमफोर्ड मीडोर ने कहा कि लैमोट्रीजीन और लेवेतिरेसेटम के परिणाम बहुत सकारात्मक रहे हैं. इन दवाओं के उपयोग के बाद मिर्गी से पीड़ित महिलाओं और स्वस्थ महिलाओं के बच्चों में किसी भी तरह का अंतर नहीं देखा गया, जो गर्भावस्था के दौरान दवाइयां लेने वाली महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ी राहत की बात है
मीडोर ने यह भी बताया कि गर्भावस्था के दौरान मिर्गी के दौरे को रोकना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दौरे से मां और भ्रूण दोनों को नुकसान हो सकता है. इस शोध ने यह सिद्ध कर दिया कि मिर्गी से पीड़ित महिलाओं को उचित चिकित्सा देखभाल के साथ गर्भवती होने में कोई बड़ी समस्या नहीं होती.
-एजेंसी-



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