गाजियाबाद. दिल्ली-एनसीआर से सटे गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के साथ-साथ पूरे यूपी में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना मुश्किल होने वाला है. अब आम आदमी को डीएल बनाने में पहले से ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ सकता है. यूपी में आरटीओ के बजाए अब निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर ही आपका ड्राइविंग टेस्ट लेगी. इस टेस्ट में अगर आप पास हो जाते हैं तो आपका डीएल बन जाएगा. लेकिन, अगर पास नहीं होते हैं तो फिर से आपको शुल्क देना होगा. आरटीओ पहले आपसे डीएल बनाने के लिए 1000 रुपये लिया करती थी, लेकिन नई व्यवस्था के तहत आपसे 6000 रुपया वसूलेगी.
बता दें कि यूपी में यह नई व्यवस्था फिलहाल नोएडा और ग्रेटर नोएडा में शुरू हो चुकी है. इसके तहत परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों को 6000 रुपया चुकाना पड़ रहा है. धीर-धीरे यह व्यवस्था गाजियाबाद सहित पूरे यूपी में लागू हो जाएगी. आपको पहले जहां डीएल बनाने के लिए 1000 रुपये लगते थे, लेकिन नई व्यवस्था में अब कमर्शिल लाइसेंस के लिए आवेदकों से 6000 रुपये लिए जा रहे हैं. ये व्यवस्था पूरा यूपी में लागू करने की कवायद है.
डीएल के लिए अब देने होंगे 6000 रुपये…इस प्रक्रिया के लिए आवेदकों को 1000 रुपया ऑनलाइन भुगतान करना होगा. डीएल बनाने की यह प्रक्रिया अक्टूबर महीने से पूरी तरह से बदल जाएगी. अक्टूबर महीने से स्थाई लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदकों को ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (डीटीसी) का विकल्प सेलेक्ट करने पर 6000 रुपया जमा कराना अनिवार्य हो जाएगा. इसके बाद ड्राइविंग सेंटर में आवेदकों का टेस्ट होगा. अगर कोई आवेदक पहली बार ड्राइविंग टेस्ट में पास हो जाता है तो उसे स्थाई लाइसेंस मिल जाएगा. लेकिन, अगर कोई पहली बार में फेल हो जाता है तो उसे फिर से टेस्ट देने के लिए 200 रुपये जमा कराना अनिवार्य हो होगा.
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गाजियाबाद के एआरटीओ प्रशासन राहुल श्रीवास्तव न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘देखिए यह व्यवस्था अभी तक गाजियाबाद में लागू नहीं हुई है. नई व्यवस्था गौतमबुद्धनगर के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लागू हुई है. कमर्शियल गाड़ियों के लिए 6000 रुपया का शुल्क निर्धारित किया गया है. देखिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर अब हर जिले में खुल रहे हैं. अभी तक हमलोग लर्निंग लाइसेंस के लिए 350 रुपये और परमानेंट डीएल के लिए 1000 रुपये लेते हैं. हालांकि, अक्टूबर महीने से गुलधर के पास गाजियाबाद में भी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर शुरू हो जाएगा. इसके बाद डासना और राजनगर एक्सटेंशन में बन रहे ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू हो जाएंगे. इसके बाद गाजियाबाद में भी कमर्शियल डीएल बनाने का चार्ज 6000 रुपये के आसपास हो जाएगा.’
आपको बता दें कि नोएडा में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए शुरू हुए इस नई व्यवस्था में 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग फेल कर जा रहे हैं. खास बात यह है कि पहले की तुलना में हर रोज बनने वाली डीएल की संख्या में भी अब 97-98 प्रतिशत की कमी आ गई है. इससे पता चलता है कि ड्राइलविंग लाइसेंस बनाने के लिए खुलेआम मानकों का उल्लंघन हो रहा था. साथ ही आवेदकों की शिकायत है कि उन्हें ज्यादा फीस वसूलने के लिए जानबूझकर फेल कर दिया जा रहा है.
FIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 12:50 IST