मोबाइल ने जिंदगी को आसान ही नहीं बनाया है बल्कि कई मुश्किलों को भी बढ़ा दिया है. खासतौर पर उन लोगों के लिए मोबाइल खतरा साबित हो रहा है जो एक पल के लिए भी इसे खुद से दूर नहीं रख पाते हैं, और टॉयलेट सीट पर बैठकर भी इसे चलाते रहते हैं. जबकि हेल्थ एक्सपर्ट्स का साफ कहना है कि टॉयलेट सीट पर लंबे समय तक मोबाइल फोन का उपयोग बवासीर और गुदा फिस्टुला जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है. मुंबई के ग्लेनीगल्स अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. जिग्नेश गांधी ने शौचालय में फोन का अत्यधिक इस्तेमाल और आरामतलब जीवनशैली के बीच संबंध की चिंता व्यक्त की. यह समस्या खासकर शहरी क्षेत्रों में बढ़ती जा रही है.
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टॉयलेट में फोन का उपयोग क्यों हानिकारक?
डॉ. गांधी के अनुसार, शौचालय में फोन का उपयोग करते समय व्यक्ति लंबे समय तक शौचालय सीट पर बैठा रहता है, जिससे मलाशय क्षेत्र पर अत्यधिक दबाव पड़ता है. इस आदत के कारण कब्ज, बवासीर और गुदा फिस्टुला जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
जीवनशैली के कारण भी बढ़ रही मुसीबत
ग्लेनीगल्स अस्पताल के सर्जन डॉ. रवि रंजन ने कहा कि एक साल में बवासीर और फिस्टुला के 500 से अधिक मामले अस्पताल में आए. उनका मानना है कि खराब जीवनशैली की आदतें जैसे कम पानी पीना, जंक फूड का अत्यधिक सेवन और शौचालय में ज्यादा समय बिताना इन समस्याओं का मुख्य कारण हैं.
बढ़ते मरीजों के लिए किया गया ये समाधान
विशेषज्ञों का कहना है कि इन समस्याओं की बढ़ती संख्या सरकारी अस्पतालों पर दबाव डाल रही है. इसके समाधान के रूप में, उन्होंने न्यूनतम चीरफाड़ वाले प्रोसेस को अपनाने की सलाह दी, जैसे कि रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन जो बवासीर के इलाज में सहायक होती है. इस प्रक्रिया के तहत मरीज को उसी दिन राहत मिलती है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी मिल जाती है.
बचाव का उपाय बवासीर और गुदा फिस्टुला जैसी समस्याओं से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी है. इसमें टॉयलेट में कम से कम समय बिताना और मोबाइल फोन का उपयोग करने से बचने के साथ खानपान का ध्यान रखना भी जरूरी है.
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-एजेंसी-
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