Last Updated:January 26, 2025, 00:03 ISTCM Yogi Adityanath: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता पहले से ही लागू है. उन्होंने वक्फ बोर्ड कानून और देश के अन्य सभी पहलुओं पर अपनी राय जाहिर की.सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ सहित कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम नगर प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ की भव्य तैयारियों को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने दिल्ली चुनाव में वोट बैंक की खातिर अवैध बांग्लादेशियों को राष्ट्रीय राजधानी में बसाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली ‘आप’ सरकार ने दिल्ली में विकास के लिए कुछ काम नहीं किया. सीएम योगी ने विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन की भी तीखी आलोचना की. सीएम योगी ने नेटवर्क18 के ग्रुप एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान ये सब बातें कहीं.
[]योगी जी आपको न्यूज 18 को यह एक्सक्लूसिव इंटरव्यू देने का बहुत-बहुत धन्यवाद. आज हम महाकुंभ के इलाक़े में हैं. चारों तरफ़ हम लोगों ने देखा कि क्या आयोजन है? भव्य अलौकिक, एकदम आलीशन. थोड़ा आपसे उसके बारे में जानना चाहेंगे कि इसको कैसे आप लोगों ने, क्या काम किया, इसपे क्या लगा… इतना बड़ा आयोजन करने में और कुंभ के लिए आपका का क्या मैसेज है दुनिया के लिए.[/]
[ans]राहुल जी मैं सबसे पहले NEWS18 की टीम का और आपका महाकुंभ के क्षेत्र में हृदय से स्वागत करता हूं. जो कुछ भी आपको देखने को मिल रहा है. पूरे प्रयागराज क्षेत्र में और और इस महाकुंभनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का ये मूर्त रूप है. भारत की विरासत को उसका सम्मान मिलना चाहिए और एक सरकर का ये दायित्व तो होना चाहिए उस आस्था को सम्मान देने के लिए, उसी का ये प्रतिफल है कि दिव्य और भव्य कुंभ इस रूप में आयोजित हो रहा है. हजारों वर्षों की विरासत को आज की पीढ़ी जान पा रही है. और जो पीढ़ी काफी उम्र दराज हो चुकी है उस पीढ़ी को भारत की इस पुरातन गौरव को अपनी अगली पीढ़ी को देने में भी गौरव की अनुभूति होगी कि हमारी विरासत अब सुरक्षित है और इसी भव्य और दिव्य रूप में आगे बढ़ेगी. यह दृश्य सनातन धर्म का वह दिव्य और भव्य स्वरूप है जिसका आज आप यहां अवलोकन कर रहे हैं. जिसके लिए हमारा सनातन धर्म जाना जाता था. भारत की ऋषि परंपरा ने कुंभ का आयोजन इसी भव्य और दिव्य तरीके से भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार के आयोजनों का शुभारंभ किया था. और ये तो प्रयागराज की धरती है, माँ गंगा यमुना और सरास्वती की इस त्रिवेणी में कोटि कोटि श्रद्धालु आकर के पूज्य संतों के सानिध्य में स्नान करके पुण्य का भागीदार बन रहा है.[/ans]
[]मैं पहले भी कुंभ में आ चुका हूं. 2019 में आपने भव्य अर्धकुंभ का आयोजन किया था. उसमें भी आया था मगर जिस प्रकार की भीड़ मैं इस बार देख रहा हूं इस तरह की भीड़ पहले मौनी अमावास्या के स्नान में होती थी. आज तो लगभग रोज़ इस तरह की भीड़ दिख रही है.[/]
[ans]देखिए ये जो आयोजन है, ये भारत की एकता का एक संदेश देने वाला एक समागम है और ये सही बात कही आपने कि मौनी अमावस्या जो मुख्य स्नान होता है कुंभ का, मौनी अमावस्या को इस प्रकार की भीड़ देखती थी लेकिन अब इस प्रकार की भीड़ हर दिन नजर आ रही है. यानी पिछली बार 2019 में मौनी अमावस्या के दिन 4 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था और इस बार मकर संक्रांति के दिन चार करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान किए थे. अब तक पिछले 10 दिन के अंदर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं और आज 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस माहाकुंभ क्षेत्र में यहां आ चुका है. सुबह से ही संगम में पवित्र स्नान में भागीदार बन रहा है और ये अनवरत सिलसिला 3 फरवरी तक चलता रहेगा. मेरा अनुमान है कि मौनी अमावस्या के दिन इस बार 19 से 3 से 5 गुणा तक भीड़ होगी.[/ans]
[]तीन से पांच गुना और कुल कितने लोग आपको लगता है कि…[/]
[ans]देखिए मेरा अनुमान है कि महाकुंभ क्षेत्र में 45 दिनों के इस पूरे आयोजन में दुनिया की तीसरी बड़ी आबादी के बराबर लोग यहां पर रहेंगे यानी भारत और चीन के बाद जो सबसे बड़ी आबादी होगी वो यहां अस्थाई शहर में होगी. मेरा अनुमान है 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु इस दौरान आकर के संगम में आकर के पवित्र डुबकी के माध्यम से राष्ट्रीय एकता का संदेश देंगे.[/ans]
[]बहुत-बहुत आपको बधाई. आपने इतना बड़ा आयोजन किया. आपने डुबकी कहां लगाई थी उस दिन कैबिनेट के साथ.[/]
[ans]देखिए राहुल जी. ये सामने ही… यह हम हैं. यहां यमुना जी. ये सामने गंगा जी आ रही हैं. और ये सामने दोनों का संगम हो रहा है और अदृश्य माँ सरस्वती के बारे में भी मान्यता है कि तीनों का मिलन इसी स्थल पर होता है और यहीं पर संगम में ये लाखों श्रद्धालु जो स्नान कर रहे हैं इसी संगम में स्नान करा था.[/ans]
“>_uestion”>आपका एक अलग दृश्य हम लोगों को देखने के लिए मिला है. एक आपको बड़ा हंसते खेलते एक-दूसरे के ऊपर पानी डालते हुए, आप, आपकी पूरी कैबिनेट ने आपके संग डुबकी लगाई. क्या आपको बचपन का दिन याद तो नहीं आ गया?
_answer”>देखिए एक अद्भुत क्षण होता है, इसको शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता है. ये अविस्मरणीय क्षण होते हैं और जिस एकता का संदेश महाकुंभ दे रहा है, उस एकता के संदेश को उत्तर प्रदेश वासियों और उत्तर प्रदेश के माध्यम से देशवासियों को देने में हम सबको गौरव की अनुभूति होती है. हम यहां पे जहां पे खड़े हैं यह सामने एक पूरा क्षेत्र संगम का क्षेत्र है और सामने एक क़िला है. क़िले में अक्षयवट भी मौजूद है. सामने दिखाई दे रहा है और अक्षयवट कॉरिडोर पहली बार बना है जहां पे प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु जाकर के दर्शन कर रहा है. इसी क़िले के अंदर माँ सरस्वती का कूप भी है. अदृश्य रूप से नहीं बल्कि दृश्य रूप से सरस्वती के दर्शन वहां हो सकते हैं और उसी में पातालपुरी कॉरिडोर भी बना हुआ है. ये तीन कॉरिडोर केवल क़िले के अंदर बने हैं. चौथा कॉरिडोर बड़े हनुमान जी मंदिर का बना है. लेटे हुए हनुमान जी हैं ये बड़े हनुमान जी के रूप में विख्यात हैं और उनके दर्शन वहां पर श्रद्धालु कर सकता है.
_uestion”>मेरा ये सौभाग्य है कि मैं प्रयागराज में आपका इंटरव्यू कर रहा हूं. मैं यहां पला बढ़ा हूं. पीएम मोदी आए तो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बना. काशी जो है एक विश्व मैप में आया. वैसे ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ, जनवरी 22 को प्राण प्रतिष्ठा हुई. आज प्रयागराज भी इस महाकुंभ को लेकर देश दुनिया में चारों तरफ इसकी बात हो रही है तो क्या आपको लगता है आने वाले समय में ये भी एक टूरिज्म, स्पिरिचुअल टूरिज्म का बड़ा सेंटर बनेगा.
_answer”>देखिए भारत की इस ताकत को दुर्भाग्य से पूर्व की सरकारों ने नहीं समझा था. भारत कि इस विरासत, जो स्पिरिचुअल टूरिज्म में भारत के अंदर मौजूद था जो पोटेंसियल था, इसको देखा है प्रधानमंत्री मोदी ने और इसीलिए उनके नेतृत्व में काशी में काशी विश्वानाथ धाम, 2019 का प्रयागराज कुंभ, अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के भव्य और दिव्य मंदिर के निर्माण का कार्य. एक नई अयोध्या के दर्शन, अयोध्या में होते हैं. विंध्वासिनी धाम में विंध्वासिनी का भव्य और दिव्य धाम और कॉरिडोर का निर्माण. उत्तराखंड में केदारपुरी में केदारनाथ धाम, महाकाल में महालोक का धाम. ये सभी करोड़ों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करके भारत की स्पिरिचुअल टूरिज्म की ताकत को दुनिया के सामने उस ताकत का एहसास करा रही है और मुझे कहने में कोई संकोच नहीं कि आज से आठ साल, 10 साल पहले तक उत्तर प्रदेश के अंदर टूरिज्म में उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर था. आज उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है अपनी इसी स्पिरिचुअल ताकत के दम पर. और इससे ना केवल यहां पर लोगों को नए अवसर मिले हैं बल्कि आर्थिक उन्नयन में भी इसकी बड़ी भूमिका है. यहां की इकॉनमी को भी इसने एक नई ताकत दी है.
_uestion”>मैंने सुना है कि 7500 करोड़ रुपये लगे ये भव्य आयोजन करने में. यहां पे इस एरिया एरिया में इकोनामिक एक्टिविटी कितनी बढ़ी है सिर्फ इन दिनों में.
योगीदेखिए जो 7500 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं वो केवल आयोजन में ही नहीं बल्कि प्रयागराज सिटी को जोड़ने वाले जो कनेक्टिंग मार्ग हैं, हाइवे हैं, उनमें, रेलवे स्टेशन्स में, एयरपोर्ट पर और प्रयागराज सिटी के एक सर्वाधिक यानी एक व्यवस्थित डेवलपमेंट में, रोड, ओवरब्रिज, अंडरपास, फ्लाईओवर्स. इन सब में मिलाकर के इतना खर्च हुआ है और ये सारी जो आप यहां पर समागम देख रहे हैं और अगले 45 दिनों के अंदर देखेंगे, इससे उत्तर प्रदेश की इकॉनमी में कम से कम 2 लख करोड़ रुपये का, इसके माध्यम से ही ग्रोथ होने वाली है तो यह एक नई इकोनॉमिक्स उत्तर प्रदेश और भारत दुनिया को देने जा रहा है कि आप जब भी अपनी ताकत को पहचानेंगे तो ग्रोथ इसी प्रकार से आगे बढ़ेगी.
सवाल_uestion”>दो लाख करोड़ मतलब करीब करीब 10% जीडीपी यूपी का.
योगीजी, यूपी का जो जीडीपी होगा उसका 10% योगदान अकेले महाकुंभ देने जा रहा है.
सवाल_uestion”>हां योगी जी हम लोग महाकुंभ के आयोजन के बारे में बात कर रहे थे. मैंने एक और अलग चीज इस बार देखी. कल मैं मुंबई से आ रहा था प्रयागराज, तो फ्लाइट में करीब 90 यंग प्रेसिडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन के लोग थे. ये उद्योगपति हैं अपनी बीवियों और बच्चों के साथ और वो भी सबकी आस्था इस तरह की है. सब डुबकी लगाना चाहते हैं संगम में. मैने यूथ देखा है, ग्लोबल बहुत अट्रैक्शन है. ग्लोबल का अट्रैक्शन हर दम रहा पर इस साल कहीं ज्यादा है तो ये सब कैसे पॉसिबल हुआ. कैसे आपने आउटरीच किया इन सब के लिए.
योगीदेखिए महाकुंभ के आयोजन में तो सबसे बड़ी बात ये है भारत की जो यंग जेनरेशन है वो बहुततायत संख्या में है. कुंभ की जो अवधारणा थी जो पिछली सरकारों ने बनाया था, वो मात्र ये बनाया था कि मतलब बुज़ुर्गों का एक आयोजन है और उन्होंने उसके लिए कोई सुविधा नहीं देते थे. कुंभ को गंदगी का, भगदड़ का, अव्यवस्था का एक पर्याय बना दिया था. पहली बार आप देख रहे होंगे 2019 में भी और 2025 में भी प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन का परिणाम है कि कुंभ के आयोजन को स्वच्छता के साथ, सुव्यवस्था के साथ और सुरक्षा के साथ जोड़ा गया. और ये आयोजन इतने भव्य तरीके से आयोजित हो पा रहे हैं, तो स्वाभाविक रूप से जब आस्था और आधुनिकता का संगम होगा तो युवा उधर आकर्षित होगा. हर वह व्यक्ति जो समाज जीवन के साथ जुड़ा हुआ है, वह उद्यमी हो, टेक्नोक्रेट हो, अच्छा कोई चिकित्सक हो या किसी जीवन के किसी भी अन्य क्षेत्र में जो एक प्रगतिशील सोच रखता है, वह हर व्यक्ति उसके साथ जुड़ेगा और जो दृश्य आपको देखने को मिल रहा है की यंग्स को आपने देखा, कल फ्लाइट से आते हुए. आपने 13 और 14 को जो आपकी रिर्पोटिंग थी उसमें भी आपने इस चीज को महसूस किया होगा कि न केवल भारत के बल्कि दुनिया भर से आये हुए जो पर्यटक थे, श्रद्धालु थे, उसमें हिंदू ही नहीं थे, सनातन धर्मावलंबी ही नहीं थे, अहिंदू भी थे. जिन लोगों ने संगम में डुबकी लगाई तो अभीभूत होकर के उन्होंने तारीफ की. इन सभी चीजों की कि भव्य और दिव्य रूप में आयोजन कैसे हो सकते हैं और उसका एक दृश्य ये है.
सवाल_uestion”>योगी जी आपके आपके गुरु महंत अवैद्यनाथ जी राम जन्मभूमि के मूवमेंट से बहुत जुड़े हुए थे. पिछले साल जो है राम मंदिर का भव्य उद्घाटन भी हुआ. आपके लिए इस साल का कुंभ इमोशनल मोमेंट रहा होगा इसे देखते हुए.
योगीदेखिए ये मेरा सौभाग्य है कि 2024 का जनवरी माह 500 वर्षों का इंतज़ार समाप्त करके भव्य और दिव्य राम मंदिर के रूप में हम सबके सामने आया है. 500 वर्षों के बाद रामलला अपने दिव्य धाम में विराजमान हो पाए और मैं एक सेवक के रूप में वहां देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए उपस्थित था. 2019 का कुंभ और 2025 का महाकुंभ के आयोजन का भी अवसर हमें प्राप्त हो रहा है तो स्वाभाविक रूप से हम सौभाग्यशाली हैं. हां 2013 का कुंभ भी था, उस समय मेरे पूज्य गुरुदेव भी यहां पर थे. आज वे इस लोक में नहीं हैं लेकिन सूक्ष्म रूप से उनका आशीर्वाद जरुर प्राप्त हो रहा होगा. वे तामम दिव्य विभूतियां जो 2013 में थीं आज नहीं हैं लेकिन आज ये सब दृश्य देखकर के संतुष्ट हो रहे होंगे. उनका आशीर्वाद जरुर इस पूरे आयोजन को प्राप्त हो रहा होगा. लेकिन जो यह सफलता की नई कहानी आज उत्तर प्रदेश लिख रहा है. ये आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और उनके ही विज़नरी लीडरशिप के कारण ये सब संभव हो पा रहा है.
सवाल_uestion”>सनातन धर्म को लेकर मोदी जी की एक बहुत अलग सोच है. कैसे आप, अगर एक मैसेज आप दुनिया को सनातन धर्म के बारे में देना चाहें, महाकुंभ के माध्यम से तो क्या कहेंगे आप?
योगीदेखिए. महाकुंभ का तो एक ही संदेश है और जिसको आप देख भी रहे होंगे. न जाति न पाति. ना कोई संप्रदाय. ना कोई लिंग का भेद. सारे लोग एक संगम में स्नान कर पा रहे हैं. कोई भेदभाव किसी के साथ नहीं. बगल में कौन स्नान कर रहा है किसी को पता नहीं. तो महाकुंभ का तो एक संदेश एकता से ही अखंड रहेगा ये देश. एकता से एकता का जो संदेश है वो कुंभ का संदेश जना चाहिए इस महाकुभ का संदेश जाना चाहिए. पूज्य संतों और आने वाले जितने भी श्रद्धालु हैं या पर्यटक हैं ये सब एकता के संदेश को लेकर के जाएंगे तो सनातन धर्म मजबूत होगा. सनातन धर्म मजबूत होगा तो भारत मजबूत होगा.
सवाल_uestion”>महंत अवैद्यनाथ जी भी कहते थे कि जो राम जन्मभूमि मूवमेंट है वो हिंदुओं को एकत्रित, एकजुट करने का एक मूवमेंट है. मंडल कमीशन ने जो लोगों को, हिंदुओं को कास्ट में बांटा. वो मानते थे कि ये उसको जोड़ रहा है. अभी जैसे ही आपने इतना बड़ा आयोजन किया, अपोजिशन पार्टी के नेता कह रहे हैं कि ये धार्मिक आयोजन का राजनीतिकरण है. इसको आप कैसे देखेंगे.
योगीदेखिए मेरा मनाना है और हम लोग ये मानते रहे हैं. गोरक्षपीठ ये मानती रही है कि समाज में दबे कुचले वंचित लोगों को उनका अधिकार मिलना चाहिए. दलित हों, वंचित हों, पिछड़ी जाति के लोग हों, समाज में ग़रीब तबके के लोग हों. सौभाग्य से स्वतंत्र भारत में उन सबको उनका अधिकार प्राप्त हो रहा है लेकिन अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए समाज को बांटा जाए, जातिवाद के नाम पर, क्षेत्रवाद के नाम पर, भाषावाद के नाम पर, यह देशद्रोह से कम नहीं है. अपने आप में एक देशद्रोह है. जातिवाद के नाम पर, क्षेत्र और भाषा के नाम पर आप समाज को बांटेंगे और सत्ता प्राप्त करके फिर परिवारवाद को बढ़ावा देंगे, वर्तमान भारत इसको स्वीकार करने को तैयार नहीं है. इसको नहीं स्वीकार किया जना चाहिए, इससे देश कमजोर होगा. हमें बंटना नहीं है, हमें एक रह करके भारत को मजबूत बनाना है. भारत की मजबूती सनातन धर्म की मजबूती है. हर एक भारतवासी की मजबूती है.
सवाल_uestion”>राहुल गांधी और अखिलेश यादव जी जैसे अपोजिशन के नेता का कास्ट सेंसक्स की बात करते हैं तो आपका क्या मत है, क्या आप कास्ट सेंसक्स के पक्ष में हैं या आप इसको एक खतरा मानते हैं.
योगीमेरा ये मनाना है कि हर गरीब को हर वंचित को, हर दलित को, हर पिछड़ी जाति के व्यक्ति को, हर गरीब को उसका अधिकार मिलना चाहिए और किसी भी संवेदनशील सरकर का ये दायित्व बनता है और ये देश का सौभाग्य है की पिछले एक दशक के अंदर आज़ाद भारत में पहली बार, हर दलित और वंचित, हर गरीब, हर पिछड़ी जाति के व्यक्ति को उसका अधिकार प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में मिला. 4 करोड़ गरीबों को एक-एक आवास मिल जाना. 12 करोड़ गरीबों के घर में शौचालय बन जाना. 10 करोड़ गरीबों के घर में एलपीजी के कनेक्शन डल जाना. 4 करोड़ गरीबों के घर में बिजली के निशुल्क कनेक्शन उपलब्ध हो जाना. 80 करोड़ लोगों को फ्री में राशन की सुविधा लगातर पिछले चार वर्ष से पांच वर्ष से प्राप्त हो रही है. यह पहली बार हुआ है. हर एक तबके लिए उस प्रकार की योजना. 12 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त हो रहा है. किसी की जाति नहीं देखी गई. किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया. एक केवल जब मोदी जी के नेतृत्व में वेलफेयर की स्कीम सबका साथ और सबके विकास की भावना के साथ आगे बढ़ रही है तो आप बांटने वाले लोग फिर जाति आधार पर क्षेत्र और भाषाई आधार पर बांटने की कुश्चित चेष्टा कर रहे हैं. भारत को और सनातन धर्मावलंबियों को को ख़ास तौर पर इससे सावधान रहना होगा.
सवाल_uestion”>योगी जी इसके बावजूद 2024 के चुनाव में आप लोगों ने 400 पार का, एनडीए ने 400 पार का नारा दिया मगर अपोजिशन ने संविधान बदलने की बात जो कही वो कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ हद तक थोड़ी चिपक गई और आप यूपी में अगर लें तो उम्मीद थी कि 2019 से भी ज्यादा आंकाडे़ आएंगे मगर आप लोग 35 सीटों में सिमट गए क्या लगता है क्या हुआ कहाँ गलती हो गई.
योगीदेखिए. इंडी गठबंधन विदेशी पैसों के बल पर उन्होंने इतना दुष्प्रचार किया. किसी ने संविधान बदलने का दुष्प्रचार किया, किसी ने आरक्षण समाप्त करने का दुष्प्रचार किया, किसी ने कोई अन्य दुष्प्रचार किया. तमाम प्रकार का दुष्प्रचार करते करते इन लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का, डिजिटल मीडिया का भी दुष्प्रचार का माध्यम बनाकर के इन्होंने उस समय जो कुछ भी दुष्प्रचार किया था, जनता को चुनाव के बाद उसका एहसास हो पाया है और आज आप देख रहे होंगे फिर से जनता जनार्दन उनको जवाब दे रही है. अभी हरियाणा का चुनाव हुआ था. भले ही लोकसभा चुनाव में 50% सीटें उन्होंने पाई थीं 50% बीजेपी ने पाई थी. लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी फुल मेजॉरटी के साथ वहां सरकर बनाने में सफल रही. महाराष्ट्र के अंदर उन्होंने उस समय सफलता प्राप्त की थी लेकिन विधानसभा चुनाव में फिर से भारतीय जनता पार्टी ने वहां फुल मेजॉरटी के साथ सरकार, एनडीए की सरकर बनाने में सफलता प्राप्त की है. उत्तर प्रदेश के अंदर 9 उपचुनाव हुए 9 में से सात भारतीय जनता पार्टी पाई और मात्र दो पे इंडी गठबंधन सिमट करके रह गया है. ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में भी इस प्रकार के परिणाम सामने आए हैं. इसलिए आज के दिन पर उनका झूठ का पर्दाफ़ाश हो चुका है. जनता उनकी वस्तविकता समझ चुकी है और ये भी जानती है किस संविधान की प्रति लेकर के घूमने वाले लोग ये वही लोग हैं जिन्होंने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का अपमान किया था. जिन लोगों ने संविधान का गला घोंटने का काम किया था. अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान में संशोधन करते रहे. ये वही लोग हैं. अब ये बहुत दिनों तक ये लोग सरवाइव नहीं कर पाएंगे भारत की राजनीति में…
सवाल_uestion”>तो योगी जी अगर इस बात को आगे बढ़ाएं तो 2027 के उत्तर प्रदेश के चुनाव में आप किन मुद्दों को लेकर लोगों के बीच में जाएंगे.
योगीदेखिए हमारे मुद्दे तो बहुत साफ हैं. हमें विरासत और विकास को आगे बढ़ाना है. गरीब कल्याणकारी योजनाओं को लेकर के आगे बढ़ना है. सुरक्षा का बेहतर माहौल देना है. सबका साथ और सबके विकास के भाव के साथ भारतीय जनता पार्टी और एनडीए 2027 के चुनाव में भी आगे बढ़ेगी और फुल मेजॉरटी के साथ अपनी सरकर फिर से यूपी के अंदर बनाएगी.
सवाल_uestion”>लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे के अलावा और कौन से मुद्दे उठाएंगे.
योगीमैंने कहा ना विरासत भी है तो विकास भी है. वेलफेयर की स्कीम भी है हर गांव, हर गरीब, हर किसान, हर नौजवान, हर महिला इन सभी के हितों को प्राथमिकता देते हुए सरकर अपना कार्य कर रही है.
सवाल_uestion”>उत्तर प्रदेश में जो आपके एलाइज हैं वो कितने महत्वपूर्ण रहेंगे. मैं देख रहा था आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबको आगे बुलाया. आपने राजनीति की बात की.
योगीसभी लोग मंत्रिमंडल के भाग हैं तो मंत्रिमंडल में सभी लोग मिलकर के निर्णय लेते हैं तो यहां पे सभी लोग आये थे तो मंत्रिमंडल के सामने जब फोटोग्राफी की बात आई तो हमने कहा हमारे सभी सहयोगी दलों के लीडर्स भी सामने आ जाएं.
सवाल_uestion”>तो ये माना जाए कि हम साथ साथ हैं
योगीसभी लोग साथ में हैं. आगे साथ रहेंगे
सवाल_uestion”>आपने हरियाणा और महाराष्ट्र में एक शनदार जीत की बात की. बहुत बड़ा कमबक रहा और बहुत कनविनसिंग विक्ट्री रही. दोनों जगह महाराष्ट्र में तो बहुत बड़ी जीत रही. आपने एक नारा दिया उन दिनों बंटोगे तो कटोगे. तो मैं यह जानना चाह रहा था आपसे कि ये नारा आपको कहाँ से आया कैसे सोचा और इसका अर्थ थोड़ा समझाएं.
योगीदेखिए मैं हरियाणा चुनाव के दौरान मथुरा मुझे जाने का अवसर प्राप्त हुआ था. रात्रि को मैं मथुरा में था. सुबह मुझे वहां पर आगरा में दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर प्राप्त हुआ. दुर्गादास राठौर मध्यकाल में एक बहुत प्रतापी सेनापति थे जोधपुर राजा के. तो स्वाभाविक रूप से उस समय दुर्गादास राठौर के बारे में कहा जाता है कि जब जोधपुर के राजा महाराजा जसवंत सिंह को औरंगजेब परास्त नहीं कर पाया, उन्होंने उनके साथ समझौताकिया और समझौते में इस बारे में कहा कि आप अफगानों पर हमला करिए मैं पीछे से आपकी सहायता करूंगा. राजा जसवंत सिंह जी जब अफगानों पर हमला करने के लिए निकले तो इसी में धोखे से औरंगजेब ने पीछे से हमला किया और राजा जसवंत सिंह उस युद्ध में शहीद हुए उनका पुत्र अजीत सिंह साथ में था. रानी साथ में थीं. जब सेनापति दुर्गादास राठौर ने देखा कि राजा को मारने के बाद अब ये राजकुमार को मारना चाहते हैं तो उन्होंने राजकुमार और रानी को ले जाकर के एक आश्रम में उन्हें रखा और फिर वहां से उनको दूर लेके चले गए. जब राजकुमार अजीत सिंह बड़े हुए तो उन्होंने फिर जोधपुर का राजा उन्हें बनवाया. 91 वर्ष की उम्र तक दुर्गादास राठौर जोधपुर में रहे. उसके बाद उन्होंने संन्यास लिया और उज्जैन चले गए, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली. उस पूरी परंपरा के प्रति राठौर-तैलीय परंपरा, तैलीय जाति से जुड़े हुए जितने भी लोग हैं. कागरा में मूर्ति लगाना चाहते थे लेकिन कुछ लोग समुदायओं के द्वारा विरोध किया जा रहा था. हम लोगों ने दोनों समुदायों को बुला के बात की. अंतत: समझौता हुआ फिर मूर्ति स्थापित हुई तो उसी में मैंने कहा था कि बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो नेक रहोगे और मैं आभारी हूं आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने एक रहोगे सेफ रहोगे के माध्यम से पूरे देश को इसके साथ जोड़ने का संदेश दिया है और मैं मानता हूं महाकुंभ का भी यही संदेश है की एकता से ही अखंड रहेगा देश. देश अखंड रहेगा तो देश सुरक्षित रहेगा. सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा. सुरक्षित है तो हर जाति, हर मत, हर मजहब, हर सम्प्रदाय, हर पंथ भी सुरक्षित रहेगा और सुरक्षा है तो समृद्धि अपने आप आएगी.
सवाल_uestion”>मैं एक चीज आपसे समझना चाह रहा था की आपके पहले कार्यकाल में लॉ एंड ऑर्डर एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम आपने सॉल्व की. उसका आपको जनता ने आपको दोबरा बहुत बड़ी जीत दिलाई. इस कार्यकाल में आपकी बड़ी उपलब्धियां क्या हैं?
योगीदेखिए हमने जो कहाँ सो करके दिखाया है जो पहले भी कहा गया था कि मोदी है तो मुमकिन है तो मोदी जी के नेतृत्व में उनके मार्गदर्शन और उनके आशीर्वाद से भारतीय जनता पार्टी ने जो कहा सो करके दिखाया है और मुझे लगता है कि जब व्यक्ति का आचार और विचार में साम्यता होती है तो जनता जनार्दन का आशीर्वाद उसके साथ में होता है. जनता को सुरक्षित माहौल चाहिए, नौजवान को रोजगार चाहिए, किसान को अपनी समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए अवसर चाहिए, हर बहन और बेटी को सुरक्षा चाहिए, हर व्यापारी एक सुरक्षित माहौल में व्यापार कर सके उसके लिए जॉब डूइंग की व्यवस्था हो. ये डबल इंजन की सरकर उत्तर प्रदेश के अंदर कर रही है. उसका लाभ BJP को प्राप्त होगा.
Location :Allahabad,Uttar PradeshFirst Published :January 25, 2025, 23:50 ISThomeuttar-pradeshदिल्ली चुनाव, UCC, वक्फ बोर्ड और महाकुंभ.. हर मुद्दे पर CM योगी की बेबाक राय