हाइलाइट्समेरठ के एसिड अटैक सर्वाईवर्स ने मुश्किलों को ही अपने जीवन की बुनियाद बना लीमेरठ में एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने अपना कैफेटेरिया शुरु कर दिया हैमेरठ. ये कहानी हौसलों के उड़ान की है. ये कहानी मुश्किल को मात देने वाले मज़बूत इरादों की है. हम बात कर रहे हैं उन एसिड अटैक सर्वाईवर्स की जिन्होंने जीवन का सबसे बड़ा कष्ट सहा. कोई और होता तो टूट जाता लेकिन मेरठ के एसिड अटैक सर्वाईवर्स ने मुश्किलों को ही अपने जीवन की बुनियाद बना ली. मेरठ में एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने अपना कैफेटेरिया शुरु कर दिया है. इस कैफेटेरिया का नाम इन्होंने सेकेंड इनिंग दिया है. इस कैफेटेरिया में पांच एसिड अटैक सर्वाइवर्स हैं. इन सभी की अपनी कहानी है. तमाम बाधाओं मुश्किलों को मात देते हुए इन्होंने अपनी तक़दीर ख़ुद लिखने की ठानी है. मेरठ के एसिड अटैक सर्वाईवर्स में एक पुरुष और चार महिलाएं हैं.
एक एसिड अटैक सर्वाईवर बताती हैं उनके उपर जब एसिड अटैक हुआ था तो वो एक स्कूल में टीचिंग कर रहीं थीं. वो बताती हैं जिन्होंने उन पर एसिड अटैक किया था उन सभी को सज़ा हो चुकी है. उन्होंने कोर्ट केस लड़ा और पहले अटैक करने वालों को सज़ा दिलवाई. एसिड अटैक सर्वाईवर बताती हैं जब वो इस घटना से उबरीं तो अपने जैसे लोगों को तलाशा और फिर पांच एसिड अटैक सर्वाइवर मिलकर एक मुट्ठी बन गए और फिर इसी वर्ष 6 जनवरी को उन्होंने अपना कैफेटेरिया शुरु कर दिया. इस कैफेटेरिया का नाम सेकेंड इनिंग रखा है. एसिड अटैक सर्वाइवर बताती हैं कि सेकेंड इनिंग नाम इसलिए दिया है क्योंकि ये उनके जीवन की दूसरी पारी है. महिला के साथ उनके पति भी फौलाद की तरह खडे़ रहे. आज इस कपल के दो बेटे और एक बेटी है. बच्चे अपनी मां को अपना रोल मॉडल मानते हैं. एक अन्य एसिड अटैक सर्वाइवर बताती हैं कि वो शादीशुदा हैं. इलाज के दौरान अपने जैसे एसिड अटैक सर्वाईवर्स से वो मिले और फिर ताक़त बन गए. वो बताती हैं कि चंदा मिलाकर उनका इलाज कराया गया था.
पुरुष एसिड अटैक सर्वाईवर भी इस टीम का हिस्सा हैं. वो भी अपनी कहानी बताते बताते यादों के उस कठिन दौर में खो जाते हैं जब ज़िन्दगी का एक-एक लम्हा उनके लिए ख़ौफनाक हो गया था. लेकिन आज की तारीख में वो अपने पैरों पर खड़े हुए हैं. वो बताते हैं कि अपना चेहरा देखकर भी वो डर जाते थे. बाकयदा टीम बनाकर ये लोग अपना कैफेटेरिया चला रहे हैं. इनकी टीम में तीन लोग शॉप पर रहते हैं तो दो को वीकली ऑफ दिया जाता है.
जो भी इस एसिड अटैक सर्वाईवरह्स के सेकेंड इनिंग कैफे में आता है वो इन सभी के हौसले को सैल्यूट करता है. लोगों का कहना है कि एक वो थे जिन्होंने इऩका हौसला तोड़ने की कोशिश की थी. और एक हैं जिन्होंने न सिर्फ एसिड अटैक से जंग लड़ी बल्कि अब वो फौलाद बनकर ज़िन्दगी की जंग लड़ रही हैं.
.Tags: Meerut news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : February 20, 2024, 06:44 IST
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