Brain Dead Atharva Bhatnagar Donates His Organs: भारत दुनिया के उन देशों में है जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं लेकिन सबसे कम अंगदान किए जाते हैं. देश की इस छवि को बेहतर करने के लिए दिल्ली के एक लड़के ने अपनी जिंदगी दे दी. 18 साल के अथर्व भटनागर (Atharva Bhatnagar) का जब दिल्ली के उत्तम नगर में रोड एक्सीडेंट हुआ तो उसके माता-पिता ने तुरंत उसे आकाश हॉस्पिटल में ये सोचकर एडमिट कराया कि वह जल्द उसे सही सलामत घर ले जा सकेंगे लेकिन यह मुमकिन नहीं हो पाया. 7 मार्च को हुए रोड एक्सीडेंट के बाद अथर्व ने 13 मार्च को आखरी सांस ली. अस्पताल के डॉक्टरों को काफी कोशिशें के बाद भी कामयाबी हासिल नहीं हुई और इस टीनएजर को ब्रेन डेड डिक्लेयर कर दिया गया.
अंगों को पहुंचाने के लिए एक साथ बनाए गए 3 ग्रीन कॉरिडोर
13 मार्च की सुबह द्वारका के आकाश अस्पताल से अथर्व के अंगों को लेकर एक साथ कई एंबुलेंस दिल्ली यूपी और हरियाणा में जरूरतमंद मरीजों को समय रहते अंगों को पहुंचाने का काम कर रही थी. इस किशोर के परिवार वालों ने अथर्व के सभी अंगों को दान करने का हिम्मत भरा फैसला लिया उसके सभी अंग समय रहते जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचा दिए गए.
दिल्ली के द्वारका में बने अस्पताल से गुरुग्राम के मेदांता यूपी के मैक्स वैशाली अस्पताल और दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बने फॉर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल तक एक साथ ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सभी जगह समय रहते दान किए अंगों को पहुंचाया जा सका.
18 साल के लड़के ने किया सभी अंगों का दान, ग्रीन कॉरिडोर से पहुंचाया गए ऑर्गन्स, 7 लोगों को मिली नई जिंदगी
पढ़ें पूरी खबर- https://t.co/8cuDZwFnJZ #Delhi #Haryana #OrganDonation #UPNews #ZeeNews @reporter_pooja pic.twitter.com/S5cOfOdnrp
— Zee News (@ZeeNews) March 14, 2024
कई लोगों की बच गई जिंदगी
अथर्व के दिल को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में 51 साल के मरीज में कामयाबी के साथ ट्रांसप्लांट कर दिया गया. अस्पताल में भर्ती इस मरीज पिछले 1 साल से ट्रांसप्लांट की वेटिंग लिस्ट में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. आकाश हॉस्पिटल द्वारका में हार्ट के डोनेट होते ही ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 25 किलोमीटर के रास्ते को 25 मिनट में तय करके अस्पताल तक लाया गया जिसमें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की बड़ी भूमिका रही.
उसके दोनों फेफड़ों गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में पहुंच गए और मरीज में लगा दिए गए. द्वारका से गुरुग्राम के सफर के लिए भी ट्रैफिक पुलिस ने रास्ता बनाया और ग्रीन कॉरिडोर के जरिए समय रहते फेफड़ों को मेदांता अस्पताल पहुंचा दिया गया.
अथर्व से मिला लीवर द्वारका के ही आकाश अस्पताल में 55 वर्ष के एक मरीज को लगाया गया. एक किडनी आकाश अस्पताल में ही एक 42 वर्ष की महिला मरीज के काम आई. एक किडनी गाजियाबाद के वैशाली में बने मैक्स अस्पताल के 24 साल के युवा मरीज को लगाई गई है. आंखों को श्रॉफआई हॉस्पिटल के लिए डोनेट कर दिया गया.हालांकि पेनक्रियाज और इंटेस्टाइन के लिए कोई मरीज नहीं मिल सका.
Source link