Diabetes to kidney failure obesity is the main reason behind of serious diseases sscmp | डायबिटीज से लेकर किडनी फेलियर, इस कारण आप हो सकते हैं गंभीर बीमारियों के शिकार

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विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच मोटापा (obesity) एक बढ़ती स्वास्थ्य चिंता है. हेल्दी रहने और लंबी उम्र जीने के लिए, लोग हर संभव प्रयास करते हैं. लेकिन क्या उन सभी कदमों को उठाने से डायबिटीज और मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है? एक्सपर्ट के अनुसार, 25 से कम बीएमआई वाले लोग नॉर्मल रेंज में आते हैं, जबकि 30-40 वाले लोग को मोटा कहा जाता है और 40 से ऊपर वाले लोगों को सुपर ओबेसिटी कहा जाता है. आपको बता दें कि मोटापे को बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) द्वारा मापा जाता है. 
मोटापा आपके अंगों को कैसे प्रभावित करता है?मोटापा एक महामारी बन गई है, जिसमें दुनिया की 40% से अधिक आबादी पीड़िता है. इसमें से 13% जवान लोग (adults) मोटापे से ग्रस्त है. ज्यादा शरीर का वजन का प्रभाव स्वास्थ्य पर बहुत पड़ता है. उदाहरण के लिए, एक सामान्य बीएमआई वाले लोग, जिसका वजन 60 किलोग्राम है, उस बॉडी मास के माध्यम से अपने दिल को ब्लड पंप करता है. यदि वही व्यक्ति 90 किलो का है, तो दिल पर 30 किलो वजन से अधिक ब्लड पंप करने के लिए दबाव डाला जाएगा, शरीर के सभी हिस्सों पर इस तरह के दबाव से अंग तेजी से बिगड़ते हैं.
मोटापे का दिल की प्रणाली पर एक बड़ा प्रभाव पड़ता है, जिसमें दिल से जुड़ी संबंधी समस्याएं जैसे मायोकार्डियल संक्रमण और हार्ट फेलियर का खतरा ज्यादा होता है. मोटापे से हाई ब्लड प्रेशर (हाइपोटेंशन), ​​स्ट्रोक की संभावना, अस्थमा, स्लीप एपनिया और मेटाबॉलिज्म में भी प्रभाव पड़ता है. अधिक वजन वाले लोग टाइप 2 डायबिटी के शिकार हो सकते हैं. मोटापे से अन्य बीमरियां जैसे, कमजोर नजर, किडनी फेलियर, फैटी लिवर, पित्त में पथरी और स्किन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं. मोटापा का एंडोमेट्रियल कैंसर, गर्भाशय कैंसर, ओवेरियन कैंसर, स्तन कैंसर और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर पर सीधा प्रभाव पड़ता है.
मोटापे के साइड इफेक्टमोटापे के हार्मोनल प्रभावों को संबोधित करते हुए यह शरीर में एक पुरानी सूजन प्रतिक्रिया को उत्तेजित कर सकता है. इसके अतिरिक्त, ज्यादा फैट पुरुष हार्मोन को महिला हार्मोन में बदल सकती है और इसके विपरीत बांझपन, उप-प्रजनन, मासिक धर्म संबंधी डिसऑर्डर और गर्भावस्था में कठिनाइयों का कारण बनता है. मोटापे से मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम (musculoskeletal system) भी प्रभावित होता है, जिससे पीठ और जोड़ों में समस्या होती है. शरीर के अत्यधिक वजन से सभी अंग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते हैं.
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