डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है, जिसमें खून में ग्लूकोज की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसा तब होता है जब बॉडी में इंसुलिन बनना कम हो जाता है या इसका सही तरह से इस्तेमाल नहीं हो पाता है.
डायबिटीज अनहेल्दी लाइफस्टाइल से होने वाली एक बीमारी है, जिसे कंट्रोल करने के लिए सही खानपान और पर्याप्त एक्टिविटी को सुनिश्चित करना जरूरी होता है. वरना यह बीमारी शरीर में दूसरी कई बीमारियों की संभावनाओं को बढ़ने लगती है, इसमें कोलन कैंसर भी शामिल है.
क्या है कोलन कैंसर
कोलन कैंसर बड़ी आंत में होने वाली बीमारी है. वैसे तो इसका सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों में होता है, लेकिन किसी भी उम्र का व्यक्ति इसका शिकार हो सकता है. खासतौर पर डायबिटीज से ग्रसित मरीज.
डायबिटीज और कोलन कैंसर का कनेक्शन
जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों में उन लोगों की तुलना में कोलन कैंसर का खतरा 47 प्रतिशत अधिक होता है जो डायबिटीज फ्री होते हैं. यह निष्कर्ष 55 हजार लोगों के हेल्थ रिपोर्ट के विश्लेषण से निकाला गया है.
कोलन कैंसर के ये लक्षण न करें इग्नोर
मल में खून आनादस्त, कब्ज, मल में बदलावपेट में दर्द, मरोड़अचानक वजन कम होनाभूख न लगनाकमजोरीथकान
डायबिटीज के ये मरीज रहें ज्यादा अलर्ट
स्टडी में यह भी बात सामने आयी है कि कोलन कैंसर का ज्यादा खतरा डायबिटीज के उन मरीजों में ज्यादा होता है, जो 5 साल से इससे ग्रस्त हैं. इसके अलावा जिन लोगों ने कभी स्मोकिंग की है, कोलोरेक्टल कैंसर (आंत से मल द्वार तक होने वाला कैंसर) का खतरा भी बढ़ जाता है.
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कैसे करें बचाव
बचाव के लिए सबसे अच्छा तरीका रेगुलर हेल्थ चेकअप, डायबिटीज मैनेजमेंट, और कोलनोस्कोपी करना है. इससे कैंसर का पता शुरुआती स्टेज पर लग जाता है, जिसका इलाज आसान होता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.