Diabetes in Women: Impact of diabetes on women’s health Symptoms may vary in women sscmp | Diabetes in Women: महिलाओं की सेहत पर कैसा प्रभाव डालता है डायबिटीज? पुरुषों से अलग हो सकते हैं लक्षण

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Diabetes in Women: टाइप 2 डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. डायबिटीज के डायग्नोस किए गए सभी मामलों में 90 से 95 प्रतिशत मामले टाइप-2 के हैं. यही बात डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं और बच्चों पर भी लागू होती है. मोटापे के कारण, अधिक से अधिक युवा महिलाएं टाइप 2 डायबिटीज का शिकार हो रही हैं. इस वृद्धि का सबसे बड़ा कारण है ज्यादा प्रोसेस्ड फूड और खराब लाइफस्टाइल. आज हम आपको डायबिटीज के कुछ विशेष लक्षणों के बारे में बताएंगे, जो केवल महिलाओं में ही देखे जा सकते हैं. इसमें टाइप 1, टाइप 2, जेस्टेशनल और प्री-डायबिटीज के लक्षण शामिल हैं.
वैजाइनल यीस्ट इन्फेक्शनडायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को योनि संक्रमण (वैजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन) होने का अधिक खतरा होता है, खासकर यदि उनका ब्लड शुगर लेवल ज्यादा हो. ऐसा इसलिए है क्योंकि हाई ब्लड शुगर लेवल आपके शरीर की संक्रमणों से लड़ने की क्षमता को कम कर देता है. मधुमेह के कारण, कुछ महिलाएं अपने ब्लैडर को पूरी तरह से खाली नहीं कर पाती हैं, जिससे बैक्टीरिया के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है.
अनियमित पीरियड्सयदि आपके पीरियड्स अनियमित हैं, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि डायबिटीज आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल (menstrual cycle) को प्रभावित कर रहा है. टाइप 1 डायबिटीज वाली महिलाओं के लिए, इस बीमारी का असर उस उम्र पर नहीं पड़ना चाहिए जब उन्हें पहली बार पीरियड आता है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट आई हैं कि टाइप 1 डायबिटीज वाली महिलाओं को बाद में पहले पीरियड का अनुभव होता है. यह आवश्यक नहीं है कि डायबिटीज से पीड़ित सभी महिलाओं का पीरियड्स अनियमित हो. कुछ महिलाएं डायबिटीज से पीड़ित होने के बावजूद भी उनके ठीक से पीरियड्स आते हैं.
सामान्य से बड़ा बच्चायूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, सभी गर्भवती महिलाओं में से 10 प्रतिशत तक जेस्टेशनल डायबिटीज से प्रभावित होती हैं. गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकते हैं, जिससे जेस्टेशनल डायबिटीज हो सकता है. जागरूकता की कमी के कारण जेस्टेशनल डायबिटीज आपको स्वास्थ्य संबंधी कॉम्प्लिकेशन के अधिक खतरे में डालता है. इसके टेस्ट लिए गर्भवती महिलाओं को कुछ चरणों में ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट करवाना चाहिए. सामान्य से बड़ा बच्चा अक्सर जेस्टेशनल डायबिटीज का संकेत होता है. जेस्टेशनल डायबिटीज वाली 50 प्रतिशत महिलाओं को बाद में टाइप 2 डायबिटीज हो सकता है.
महिलाओं में डायबिटीज के कॉम्प्लिकेशनकई अध्ययनों के अनुसार, महिलाओं में दिल व किडनी की बीमारी और डिप्रेशन की संभावना बहुत अधिक होती है. यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए बीमारी को और अधिक खतरनाक बनाता है. इसके अलावा, मेनोपॉज के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन महिलाओं को डायबिटीज के अधिक खतरे में डाल सकते हैं. उन्हें हाई ब्लड शुगर, वजन बढ़ना और सोने में समस्या होने का खतरा अधिक हो सकता है. 
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