Dhokra Art: बंगाल के ढोकरा कला की काशी में बढ़ी डिमांड, जानें- कैसे बनती हैं ये मूर्तियां?

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Dhokra Art: बंगाल के ढोकरा कला की काशी में बढ़ी डिमांड, जानें- कैसे बनती हैं ये मूर्तियां?



रिपोर्ट: अभिषेक जायसवालवाराणसी: गणेश चतुर्थी को लेकर भगवान भोले की नगरी काशी (Kashi) में तैयारियां तेज हो गई हैं. बाजार सज गए हैं और गणपति बप्पा की खूबसूरत प्रतिमाएं लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. इन प्रतिमाओं में सबसे खास है बंगाल की ढोकरा कला से बनी बप्पा की खूबसूरत मूर्तियां. जिनकी खासा डिमांड इन दिनों बनारस (Banaras) में देखने को मिल रही है और इससे पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में बंगाल के ढोकरा कारीगरों को संजीवनी भी मिल रही है.
बता दें कि वाराणसी के तमाम दुकानों पर गणपति बप्पा की ये मूर्तियां मिल रही हैं जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. दुकानदार सौरनली ने बताया कि पहली बार गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) के पर्व पर बाजारों में बंगाल के बनी इस शिल्प कला को लाया गया है जो खासा डिमांड में है. बात यदि इसकी कीमत की करें तो इसकी कीमत साइज के हिसाब से है. 250 से लेकर 5 हजार रुपये तक कि प्रतिमा बाजार में है.
शुद्ध है प्रतिमाग्राहकों की मानें तो वो इस बार गणेश उत्सव में बंगाल के इस शिल्प कला की प्रतिमा से ही अपने घर पर पूजन करेंगे. बताते चलें कि भगवान गणेश की ये प्रतिमा मिट्टी और धातु से बनी है इसलिए पूजा के लिहाज से ये बेहद शुद्ध हैं साथ ही साथ इसकी खूबसूरती भी लोगों के मन को भा रही है.

हजारों साल पुरानी है कलाडोकरा शिल्प कला बंगाल की एक प्राचीन कला है. इसमें कारीगर मिट्टी, धातु और मोम से भगवान की मूर्तियां तैयार करते हैं. बंगाल के अलावा झारखंड, मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्र में इसे तैयार किया जाता है. इसे बनाने का तरीका भी बेहद कठिन है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Ganesh Chaturthi Celebration, PM Modi, UP news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : August 27, 2022, 18:21 IST



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