रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) के व्रत का विशेष महत्व है. इस खास दिन पर भगवान विष्णु के पूजन और व्रत से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और शत्रुओं पर जीत का आशीर्वाद भी मिलता है.10 जुलाई को इस बार देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस व्रत को हरिशयनी एकादशी (Harishayani Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं.
वाराणसी के जाने माने ज्योतिषी स्वामी कन्हैया महराज ने बताया कि देवशयनी एकादशी पर व्रत से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही भगवान विष्णु भक्तों की मनचाही मुरादें पूरी करते हैं और सन्तान प्राप्ति वर भी भक्तों को मिलता है.
जानिए व्रत की विधिकन्हैया महराज ने बताया कि इस दिन सुबह गंगा (Ganga) में स्नान के बाद साफ और पीले वस्त्र को धारण कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. फिर पूरे दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ उन्हें पीला पुष्प, फल और मिठाई अर्पित कर उनकी पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान दीप प्रज्वलित करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
ये है कथाधार्मिक कथाओं के मुताबिक, शंखचूर नाम के असुर का वध भगवान विष्णु ने इसी दिन किया था. ये युद्ध लम्बा चला था जिसके कारण भगवान विष्णु शंखचूर के वध के बाद इस दिन पाताललोक में चार महीने के लिए विश्राम पर चले गए थे. इस दौरान सृष्टि के पालन का काम भी भगवान विष्णु ने महादेव को सौंप दिया था.तब से उस एकादशी को देवशयनी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. भगवान विष्णु चार महीने योग निद्रा में रहते हैं, इसलिए इस दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्य की मनाही होती है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Varanasi newsFIRST PUBLISHED : July 05, 2022, 18:54 IST
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