चन्दन गुप्ता / देवरिया.देवरिया जनपद कई हिंदू देवी देवताओं के मंदिरों से जाना पहचाना जाता है. देवरिया जिले में गोरखपुर मुख्य मार्ग के ओवरब्रिज के ठीक बगल में एक मुस्लिम समुदाय का धार्मिक स्थल मौजूद है. इस दरगाह की खास बात यह है कि इसका निर्माण कराने में मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदुओं ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी. इस दरगाह में हर धर्म के श्रद्धालु आते हैं. देवरिया में यह इकलौता मजार है जहां पर मुस्लिम समुदाय ही नहीं बल्कि अन्य समुदाय के लोग भी यहां पर आते हैं और बाबा के सामने अपना माथा टेकते हैं. बताया जाता है यह मजार लगभग 300 से 400 वर्ष पुराना हैं.इसके निर्माण को लेकर भी एक रोचक कहानी है. मुस्लिम के साथ-साथ हिंदू धर्म के लोग भी इस दरगाह पर चादर चढ़ाने आते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की समस्याएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस दरगाह पर रहने वाले मोहम्मद अख्तर वासी बताते हैं कि पहले यह स्थान एक जंगल के रूप में था. मजार के ठीक बगल से गोरखपुर देवरिया को जोड़ने वाले ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा था और उस ओवरब्रिज का पीलर दरगाह को छूता हुआ जा रहा था. दिनभर निर्माण कार्य होता था मगर रात में पिलर गायब मिलता था. जिसको देखते हुए पिलर को थोड़ा दूरी बनाकर निर्माण किया गया. माना गया कि इस मजार पर बाबा का चमत्कार हो रहा था.“यहां मत्था टेकने पर पूरी हो जाती है हर मुराद”बता दें कि इस सबसे बड़ी दरगाह को हिन्दुओं ने बनवाया था. इस धार्मिक स्थल पर हर समुदाय के लोग अपना माथा टेकते हैं. देवरिया जनपद का यह सबसे बड़ा धार्मिक स्थल हैं. जहां मुस्लिम समुदाय द्वारा बड़ा मेला लगाया जाता हैं. इस दरगाह को एक चमत्कारी दरगाह के रूप में माना जाता है. लोगों का मानना है कि कोई भी व्यापार हो, या नौकरी नहीं लग रही है या फिर यूं कहें कि घर में कोई बीमार है. ऐसी समस्याएं लेकर लोग दूर-दूर से यहां पर आते हैं और दरगाह में माथा टेककर मनोकामनाएं मांगते हैं तो मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. यह जगह हिंदू और मुस्लिम धर्मों के बीच एकता का एक उदाहरण है और रहस्यमय शक्तियों के लिए प्रतिष्ठित है जो भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती है..FIRST PUBLISHED : August 21, 2023, 20:19 IST
Source link