रिपोर्ट-अभिषेक जायसवालवाराणसी: अद्भुत काशी (Kashi) की देव दीपावली (Dev Deepawali) भी खास है. घाटों पर दीयों की जगमग रोशनी के बीच दशाश्वमेध घाट पर होने वाली मां गंगा की महाआरती (Ganga Aarti) इस महोत्सव से पूरी दुनिया को गंगा जमुनी तहजीब का संदेश देती है. गंगोत्री सेवा समिति द्वारा होने वाली विश्व प्रसिद्ध आरती की चमक को मोहम्मद शमशाद चार चांद लगाते हैं. पिछले करीब तीन दशक से लगातार इस महाआरती में इस्तेमाल होने वाले आरती के पात्रों को वो नया रूप देते हैं.शमशाद मुस्लिम हैं लेकिन फिर भी कभी उन्होंने मजहब की दीवारों के बंदिशों सामने आने नहीं दिया. देव दीपावली पर व्यस्त समय के बाद भी हर साल शमशाद यहां आते हैं और मां गंगा की सेवा में जुट जाते हैं. मोहम्मद शमशाद ने बताया कि उन्हें मां गंगा की सेवा में आनंद मिलता है, इसलिए वो इस काम को करते हैं. उनके पहले उनके पिता इस काम को करते थे अब उनके बाद उन्होंने इस परम्परा को जिंदा रखा है.गंगा जमुनी तहजीब की है मिसालगंगोत्री सेवा समिति के सचिव दिनेश शंकर दुबे ने बताया कि काशी हमेशा से पूरे दुनिया को शांति के साथ गंगा जमुनी तहजीब और भाईचारे का संदेश भी देती है. उसी का जीता जागता उदाहरण दशाश्वमेध घाट की इस गंगा महाआरती में देखने को मिलता है.जलेंगे 10 लाख दीपबता दें कि इस बार वाराणसी के गंगा तट पर 10 लाख दीये जलाए जा रहे हैं. इसके अलावा 3 डी लेजर शो, ग्रीन आतिशबाजी और दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट पर होने वाली इस भव्य महाआरती की दिव्यता को और बढ़ाती है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : November 07, 2022, 16:17 IST
Source link