कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती: कहते हैं प्रतिभा किसी संसाधन की मोहताज नहीं होती, इन पंक्तियों को चरितार्थ किया है बस्ती जनपद के रूधौली तहसील क्षेत्र के सिसवारी निवासी मो. हसीन खान ने. अति पिछड़े क्षेत्र से निकलकर मो हसीन हैंडबॉल खेल के क्षेत्र में आज पूरे देश में अपना तथा अपने जिले का नाम रोशन कर रहे हैं. साथ ही साथ मो. हसीन भारतीय सेना में भर्ती हो देश सेवा भी कर रहे हैं. मो. हसीन के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने पहली बार नेशनल गेम्स में पदक प्राप्त करने में सफल रहा है.
गांव से निकलकर मो. हसीन सबसे पहले बस्ती के शहीद सत्यवान सिंह स्टेडियम में हैंडबॉल खेलना शुरू किया और फिर उनका सिलेक्शन सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज में हो गया. जहां से खेलते हुए मो. हसीन का चयन खेल कोटे से भारतीय सेना में हो गया और मजूदा समय में मो. हसीन भारतीय सेना के 224 फील्ड में तैनात हैं. साल 2019 में उनका सलेक्शन भारतीय हैंडबॉल टीम में हो गया.
मो. हसीन ने रचा इतिहास, सेना में हैं कार्यरत
उन्होंने कुवैत में आयोजित इंटरनेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप में भारतीय टीम की तरफ से प्रतिभाग किया, साथ ही सितम्बर 2023 में जम्मू कश्मीर में हुए सीनियर नेशनल गेम में उन्होंने यूपी की टीम की तरफ से प्रतिभाग किया था और अभी नवम्बर माह में मो. हसीन के नेतृत्व में गोवा में आयोजित हुए 37वें नेशनल खेल में यूपी की टीम ने 37 साल बाद पदक जीतने में कामयाब रही है. इस तरह से मो. हसीन देश सेवा करने के साथ-साथ आठ बार नेशनल और एक बार इंटरनेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप खेल चुके हैं.
परिजन बोले- सपना पूरा हुआ
मो. हसीन ने बताया कि आगे मेरा उद्देश्य है की मैं पूरे विश्व में हैंडबॉल के खेल में देश का नाम रोशन करू और स्वर्ण पदक जीत कर लाऊ. वहीं मो. हसीन की मां अख्तरून निशा ने बताया कि मेरा बेटा शुरू से ही खेलने में काफी अच्छा था. उसके खेल को देखते हुए हम लोगों ने उसको पहले बस्ती भेज दिया. जहां से वह सैफई चला गया. हमें बहुत खुशी है की मेरे बेटे के नेतृत्व में यूपी प्रदेश की टीम ने पहली बार पदक जीतने में कामयाब रही है.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : November 20, 2023, 17:53 IST
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