Dental problems increased due to wrong eating habits AI technology is helping in treatment | Dental Health: गलत खानपान से बढ़ी दांतों की समस्याएं, इलाज में AI तकनीक से मिल रही मदद

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हमारी जीवनशैली दांतों की सेहत पर बड़ा असर डालती है. बच्चों की बात करें तो इन दिनों बच्चे कम फाइबर, अधिक चीनी व स्टार्च वाली चीजें व एसिडिक ड्रिंक का अधिक सेवन कर रहे हैं. साफ-सफाई की कमी के कारण, इन सबसे दांतों पर प्लाक जमा होता है और कैविटी का खतरा बढ़ जाता है.
बच्चों में कम उम्र में ही दांतों के एलाइनमेंट में दिक्कत व जबड़ों की अनियमित वृद्धि की समस्या देखने को मिल रही है. इसका एक बड़ा कारण अंगूठा या पेसिफायर चूसने की आदत से भी जुड़ा है.रोगों की शुरुआती स्तर पर पहचान संभवआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित उपकरणों से बच्चों में दांतों की पहचान शुरुआती स्तर पर करना संभव हो पा रहा है. कैविटी की पहचान जितनी जल्दी होती है, उसे ठीक करना उतना ही आसान होता है. परंपरागत रूप से कैविटी ठीक करने के लिए एयरोटर का इस्तेमाल करते हैं. इसकी तेज गति और शोर, कुछ बच्चों में भय बढ़ा देता है. पर, अब नई तकनीक से प्रभावित हिस्से पर लेजर के उपयोग से दांतों की सड़न ज्यादा सटीक ढंग से दूर की जा सकती है. फिलिंग भी कम करनी पड़ती है. हालांकि, कई बार परंपरागत तरीकों से फिलिंग करना जरूरी हो जाता है.
बच्चों में टेढ़े-मेढ़े दांतइसी तरह बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांतों के उपचार में अब तक इंप्रेशन बनाने के लिए अल्जीनेट या पुट्टी जैसी इंप्रेशन सामग्री इस्तेमाल होती थी. अब इंट्रा ओरल स्कैनर की मदद से तैयार डिजिटल इंप्रेशन एक 3 डी मॉडल बनाते हैं, जो अधिक सटीक साबित होते हैं. बच्चों के लिए यह प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक है. इसमें इंप्रेशन मॉडल्स को रिजर्व करने की भी जरूरत नहीं होती.
बच्चों के दांतों के लिए जरूरी अच्छी आदतें- बच्चों को दिन में दो बार, दो मिनट तक ब्रश करने और कुछ खाने के बाद कुल्ला करने के लिए प्रेरित करें.- बच्चों को अधिक चीनी वाली चीजें और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन कम और पानी अधिक पीने की आदत डालें.- छोटे बच्चों के दांतों की नियमित जांच कराएं.- दांतों की सफाई के संबंध में बच्चों के आदर्श बनें. खुद भी मुंह की सफाई का ध्यान रखें.



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