नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में बारिश, बाढ़ और जलजमाव के बाद एक डराने वाली खबर आई है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक 20 साल के लड़के की डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome) से मौत (Death) हो गई है. गाजियाबाद के स्वास्थ्य विभाग ने भी डीएसएस (DSS) यानी डेंगू शॉक सिंड्रोम के कारण युवक की मौत की पुष्टि की है. बता दें कि डीएसएस डेंगू का सबसे खतरनाक स्टेज माना जाता है. डॉक्टरों की मानें तो डेंगू शॉक सिंड्रोम लाखों में एक को होता है, लेकिन सीजन के शुरुआत में ही इस वजह से मौत होना ठीक संकेत नहीं है. शुरुआती दिनों में ही डीएसएस से मौत ने स्वास्थ्य विभाग को भी सकते में ला दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में डेंगू और विकराल रूप धारण कर सकता है.
गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, ‘मृतक आयुष गोयल को 27 जुलाई को तेज बुखार आया था. 27 जुलाई को ही एक निजी डॉक्टर से परामर्श लिया गया. 29 जुलाई को डेंगू जांच में गोयल की प्लेटलेट्स की संख्या डेढ़ लाख बताई गई, लेकिन उन्हें मल और मूत्र त्यागने में दिक्कत हो रही थी. नतीजन परिजनों ने 30 जुलाई को अस्पताल में भर्ती करा दिया. कल यानी मंगलवार को गोयल की मौत हो गई.
दिल्ली-NCR में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं.
दिल्ली एनसीआर में डेंगू से पहली मौतगौरतलब है कि गाजियाबाद में मंगलवार तक डेंगू के 29 मामले दर्ज हो चुके हैं. गाजियाबाद के इंदिरापुरम, शिप्रा सन सिटी, विजय नगर, कौशांबी, वैशाली और विजय नगर सहित कई एरिया में डेंगू का खतरा बरकरार है. डेंगू के अलावा भी मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे बीमारियों का इस मौसम में खतरा हमेशा बना रहता है. डॉक्टरों की मानें तो इस साल अस्पतालों में जून महीने की तुलना में जुलाई महीने में बहुत ज्यादा मरीज आए.
डीएसएस कितना खतरनाक होता हैमच्छर के डंक मारने के बाद डेंगू के लक्षण 3, 4 दिन बाद दिखने लगते हैं. इससे अधिक समय भी लग सकता है. इसके बाद पूरे शरीर में दर्द होना शुरू हो जाता है. उल्टी, सिरदर्द, मायलगिया, अधिजठर असुविधा और पेट में दर्द आम है. रोगी अक्सर काफी कमजोर महसूस करते है. बुखार 2-7 दिनों तक रहता है और उसके बाद तापमान में गिरावट आती है. जुलाई से लेकर अक्टूबर के महीने के बीच इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है.
बारिश में मच्छरों से बचने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए.
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डॉक्टरों की मानें तो डेंगू फीवर तीन तरह के होते हैं, जिसमें से दो बुखार बेहद खराब माने जाते हैं. तीन तरह के बुखार जैसे की क्लासिकल डेंगू फीवर, डेंगू हैमरेजिक फीवर (डीएचएफ), डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस). इन तीनों में से सबसे ज्यादा खराब डीएचएफ और डीएसएस होता है. इन दो तरह के डेंगू से ग्रस्त मरीजों को अगर जल्द ही हॉस्पिटल में एडमिट नहीं कराया गया तो उसकी मौत हो सकती है. बता दें कि कोविड की तरह ही डेंगू का भी कोई स्पष्ट इलाज नहीं है. मरीज में डेंगू की पुष्टि होने के बाद उसके लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है. डॉक्टर मरीज की हर गतिविधि का मॉनिटर कर इलाज करते हैं.
.Tags: Death due to dengue, Dengue alert, Dengue in Delhi, Ghaziabad NewsFIRST PUBLISHED : August 02, 2023, 19:07 IST
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