यूपी के बुलंदशहर में हुए 12 साल की बच्ची से रेप मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सीएम योगी को पत्र लिखा है. सीएम योगी को भेजे पत्र में डीसीडब्ल्यू चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने आगे लिखा है कि रेप मामले में पुलिस ने एफआईआर तो की है लेकिन अपराधी और उसके परिवार को बचाने के लिए इसमें रेप की धारा ही नहीं लगाई है. उन्होंने सीएम योगी से अपील करते हुए कहा कि वे अधिकारियों को आदेश दें कि एफआईआर में रेप की धारा दर्ज की जाए. साथ ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए.नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक 12 साल की बच्ची से बर्बरता के साथ किए गए रेप मामले (Rape Case) पर दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission For Women) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को पत्र लिखा है. इसमें स्वाति ने इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर (FIR) पर सवाल उठाते हुए लिखा कि बच्ची के साथ भयावह तरीके से रेप हुआ है और उसे जान से मारने की कोशिश की गई है लेकिन यूपी पुलिस (UP Police) ने एफआईआर में रेप की धारा ही नहीं लगाई गई है. स्वाति ने सीएम योगी से पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी एक्शन लेने की मांग की है.
दिल्ली महिला आयोग की ओर से भेजे गए पत्र में स्वाति की ओर से कहा गया है कि बच्ची को दिल्ली के एक अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है. बच्ची से मिलने और डॉक्टरों से हुई बातचीत के बाद पता चला है कि बच्ची के शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं. यहां तक कि ब्रेन में इंजरी होने के कारण उसे न्यूरो संबंधी दिक्कतें भी हैं. बुलंदशहर में 12 साल की इस बच्ची के साथ 45 साल के व्यक्ति ने क्रूरतापूर्वक रेप (Brutal Rape) को अंजाम दिया है. यह बच्ची उस वक्त अपनी बहनों के साथ घर के बाहर खेल रही थी और इसके माता-पिता मजदूरी करने गए थे. इस पूरी घटना की गवाह बच्ची की पांच साल की बहन है.
स्वाति ने आगे लिखा है कि इस मामले में पुलिस ने एफआईआर तो की है लेकिन अपराधी और उसके परिवार को बचाने के लिए इसमें रेप की धारा ही नहीं लगाई है. उन्होंने सीएम योगी से अपील करते हुए कहा कि वे अधिकारियों को आदेश दें कि एफआईआर में रेप की धारा दर्ज की जाए. साथ ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए. इसके अलावा बच्ची और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए. चूंकि बच्ची का परिवार काफी गरीब है और माता-पिता मजदूरी करते हैं ऐसे में बच्ची के परिवार को क्षतिपूर्ति के रूप में कुछ आर्थिक मदद भी की जाए.
इसके साथ ही आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बच्ची के पुनर्वास के लिए व्यवस्था करने की मांग की है और इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की भी अपील की है ताकि दोषी को जल्द से जल्द सजा मिल सके.
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