नई दिल्ली. आनंद विहार को दिल्ली का एक एंट्री प्वांट या दरवाजा कहा जाए तो गलत नहीं होगा. पूरब की ओर जाने वाली रेल गाड़ियों के लिए ये सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन है. यहां मेट्रो की कनेक्टिविटी है और सबसे बड़ी बात कि उत्तर प्रदेश से आने जाने वाली ज्यादातर बसें यहीं से मिलती हैं. इस लिहाज से यूपी और बिहार के तमाम हिस्सों की ओर जाने या आने वाले लोगों के लिए ये एक बड़ा ट्रांसपोर्ट हब है.
आनंद विहार में ही हवा को साफ करने वाला एक बड़ा स्मग टॉवर भी लगाया गया है. फिर भी यहां के लोगों को साफ हवा नहीं मिल पाती. जब भी मौसम जरा सा करवट लेता है, यहां प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. यूं तो सर्दियों में हर साल दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गंभीर हो जाती है. इस बार भी हालात कुछ अलग नहीं हैं. तापमान में कमी के साथ दिल्ली के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है. सोमवार को दिल्ली का औसत AQI स्तर 380 के पार रिकॉर्ड किया गया. इसका मतलब है – हवा बेहद खराब श्रेणी में है.
हवा बेहद खराब हैसोमवार को इनमें सबसे ऊपर रहा दिल्ली का आनंद विहार इलाका. सोमवार को सुबह आनंद विहार का AQI स्तर 478 रिकॉर्ड किया गया, जो बेहद खराब की श्रेणी में आता है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक हवा की क्वालिटी में सुधार के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. आनंद विहार की आबोहवा को खराब में यहां की व्यवस्था के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद की भी बड़ी भूमिका है. आपको एक-एक कर इन कारणों के बारे में बताते हैं.
जिम्मेदार कौन दरअसल, आनंद विहार दिल्ली और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला सीमावर्ती इलाका है. अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा, लोकल बस टर्मिनल और रेलवे स्टेशन आनंद विहार में हैं, जहां रोजाना लाखों लोगों की आवाजाही होती है. वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश का भी एक बड़ा बस अड्डा यहां मौजूद है, जहां रोजाना सैकड़ों बसें उत्तर प्रदेश के दूसरे इलाकों से यहां पहुंचती हैं. इन यात्रियों की आवाजाही में इस्तेमाल होने वाले खासकर थ्रीव्हीलर प्रदूषण का एक बड़ा कारण हैं. दिल्ली में तो डीज़ल से चलने वाले थ्रीव्हीलर प्रतिबंधित हैं, लेकिन गाज़ियाबाद की सीमा में ये थ्री-व्हीलर धड़ल्ले से चलते हैं और जी खोलकर प्रदूषण फैलाते हैं. इसके अलावा इंटरस्टेट बसों की खराब सेहत भी प्रदूषण का बोझ बढ़ाने में पीछे नहीं हैं. डीज़ल से चलने वाली सैकड़ों बसें यहां से रोजाना गुजरती हैं. काला धुआं उगलने वाली ये बसें भी प्रदूषण बढ़ाने में अहम कारण साबित होती हैं.
इसके अलावा प्रदूषण की मात्रा बढ़ाने में साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया की भी भूमिका सवालों के घेरे में हैं. इस इलाके में कई छोटी-छोटी फैक्ट्रियां हैं, जो लगातार धुआं उगलती रहती हैं और वो हवा के रुख के साथ आस-पास फैलती हैं और प्रदूषण के आंकड़े बढ़ाती हैं. आनंद विहार इलाके में PM 10 और PM 2.5 का बढ़ा हुआ स्तर भी हवा की क्वालिटी खराब करने में बड़ी भूमिका अदा करता है. ऐसे में दिल्ली में आनंद विहार अक्सर सबसे प्रदूषित इलाको में शामिल रहता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Anand Vihar, Delhi air pollutionFIRST PUBLISHED : December 19, 2022, 19:39 IST
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