दीवानगी हो तो ऐसी…डाक टिकट कलेक्शन का शौक, 60 साल में खर्च कर दिए 5 लाख! जीत चुके हैं कई पुरस्कार

admin

comscore_image

पीलीभीत. लोगों को तरह-तरह के शौक होते हैं. लेकिन कुछ शौक इतने अनोखे होते हैं. जिन्हे देख कर हर कोई दंग रह जाता है. ऐसा ही कुछ पीलीभीत के रिटायर्ड शिक्षक रमाकांत शर्मा का शौक है. रमाकांत शर्मा बीते 60 सालों से भी अधिक समय से डाक टिकट कलेक्ट कर रहे हैं. इस दौरान वह तकरीबन 5 लाख रुपए भी निवेश कर चुके हैं.डाक टिकट कलेक्ट करने वाले रिटायर्ड शिक्षक रमाकांत शर्मा ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने 10 वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान नंदन नामक पत्रिका पढ़ी थी. जिसमें कुछ ख़ास डाक टिकट का जिक्र था. ऐसे में उनको डाक से जुड़े साजो सामान में जिज्ञासा जागृत हुई. धीरे धीरे उन्होंने घर में आए खतों में से डाक टिकट निकालने शुरू किए. धीरे धीरे यह शौक परवान चढ़ता गया और उन्होंने डाक टिकट ख़रीदने भी शुरू कर दिया.70 हजार डाक टिकट का कलेक्शनकुछ सालों तक कलेक्शन करने के बाद वह अन्य कलेक्टर्स के संपर्क में आए. इसके बाद उन्होंने देश के तमाम सामान्य डाकघरों की सदस्यता भी ले ली. जिसके बाद कोई भी डाक टिकट जारी होने पर उन तक भेजे जाने लगे. वर्तमान में उनके पास 70-80 हजार डाक टिकट का कलेक्शन है. वहीं रमाकान्त अपने इस शौक में 5-7 लाख रुपए का निवेश भी कर चुके हैं. उनके पास अलग अलग थीम पर डाक टिकट व कवर का कलेक्शन भी है.जीत चुके हैं दर्जनों प्रतियोगिताएंरमाकांत शर्मा अपने शौक के चलते देश के तमाम शहरों में अपनी छाप छोड़ चुके हैं. गांधीजी पर अपने विस्तृत डाक टिकट के कलेक्शन को लेकर उन्हें दर्जनों पुरस्कार भी मिल चुके हैं. उन्होंने बताया कि अब तक वह सैकड़ों प्रदर्शनियों में शामिल हो चुके हैं.FIRST PUBLISHED : October 7, 2024, 20:09 IST

Source link