Uttar Pradesh

Cultivate these crops along with wheat in October earn a lot at low cost know the sowing method

रायबरेली. अक्टूबर माह में धान की कटाई की शुरूआत हो जाती है. इसके बाद किसान रबी फसलों की बुवाई की तैयारी शुरू कर देते हैं. यह महीना रबी फसलों की बुवाई के लिए उपयुक्त समय माना जाता है. रबी सीजन में किसान गेहूं के साथ इस सीजन में बुवाई की जाने वाली  कुछ अन्य फसलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. खाा बात यह है कि ये फसलें कम समय में ही तैयार हो जाती है. जिससे किसान अच्छी पैदावार हासिल कर बेहतर मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं.  कृषि एक्सपर्ट से इस खबर में  जानेंगे कि रबी सीजन में किन फसलों की खेती कर सकते हैं.

अक्टूबर माह में इन फसलों की करें खेती

कृषि क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली जिले के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्राविधिक सहायक ऋषि कुमार चौरसिया ने लोकल 18 को बताया कि रबी के सीजन में गेहूं, चना, जौ, मटर, मक्का जैसी प्रमुख फसलों की बुवाई की जाती है, क्योंकि ये फसलें कम तापमान में तैयार होती है और उनकी कटाई फरवरी से मार्च माह में हो जाती है. वहीं आलू, टमाटर, बैंगन, भिंडी, पालक, गाजर व मूली जैसी सब्जियां भी इसी सीजन में उगाई जाती है. ये फसलें बेहद कम समय में तैयार होकर अच्छा मुनाफा देती हैं. इसलिए, अक्टूबर माह में किसान इन फसलों की खेती करके अच्छी पैदावार प्राप्त करने के साथ ही अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं.

फसल की बुवाई में इन बातों का रखें ख्याल

ऋषि कुमार चौरसिया ने लोकल 18 को बताया कि रबी के सीजन में फसलों की बुवाई से पहले कुछ जरूरी बातों का किसान ध्यान रखें. इससे बेहतर उपज मिलेगी.  बुवाई से पहले मिट्टी का परीक्षण करें ताकि उसमें पोषक तत्वों की सही मात्रा का पता लगाया जा सके. मिट्टी का पीएच मान और उर्वरक क्षमता महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने बताया कि मिट्टी की गहरी जुताई करने से मिट्टी भुरभुरी और उपजाऊ होती है, जिससे बीज अच्छे से अंकुरित होते हैं.

जैविक खाद से मिट्‌टी की बढ़ती है उर्वरा शक्ति

ऋषि कुमार चौरसिया ने लोकल 18 को बताया कि खेती में जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, कम्पोस्ट या हरी खाद का उपयोग करें. इससे मिट्‌टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है. वहीं बीज बोने से पहले उन्हें फफूंदनाशक या कीटनाशक से उपचारित करें. ताकि बीमारियों से बचाव हो सके. रबी फसलों की बुवाई अक्टूबर से दिसंबर के बीच की जाती है. बुवाई का सही समय जलवायु और क्षेत्र पर निर्भर करता है, इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए बुवाई करे. रबी फसलें आमतौर पर कम पानी की आवश्यकता वाली होती है. लेकिन, बुवाई के समय मिट्टी में नमी होना जरूरी है. बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें.

रबी फसल के लिए जल निकासी का रखें प्रबंध

ऋषि कुमार चौरसिया ने लोकल 18 को बताया कि रबी फसल की खेती करने के दौरान इस बात का खास ख्याल रखें कि खेत में पानी का जलजमाव ना हो. खेत में जल जमाव से बचें, क्योंकि इससे बीज गल सकते हैं.  जल निकासी का सही प्रबंध रहना जरूरी है. जैविक खेती और सूक्ष्म पोषक तत्वों (जिंक, आयरन, बोरॉन) का भी ध्यान रखें ताकि फसल की गुणवत्ता बढ़ सके. बुवाई से पहले खेत की अच्छी जुताई कर खरपतवार निकाल दें. साथ ही, बुवाई के बाद शुरुआती दिनों में खरपतवार को नियंत्रित करें, ताकि वे फसलों से पोषक तत्व ना छीने.
Tags: Agriculture, Local18, Rae Bareli News, UP newsFIRST PUBLISHED : October 10, 2024, 20:05 IST

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