नोएडा. दिल्ली से सटे यूपी के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के बिसरख थाना के अंतर्गत चिपियाना बुर्ज गांव की पंच बिहार कॉलोनी में हुईं चार हत्याओं (Murder) का सनसनीखेज खुलासा कई दिनों से चर्चा में है. यही नहीं, अपनी पत्नी, दो बच्चों और दोस्त के कथित हत्यारे ने तीन साल तक अपनी पहचान छुपाने और खुद को ‘मृत’ घोषित रखने के लिए प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) कराने से लेकर जगह बदलते रहने जैसे तमाम जतन नहीं किये, लेकिन अंतत: वह पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. कासगंज पुलिस ने बताया कि 34 वर्षीय राकेश को दो दिन पहले हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि राकेश का एक पुलिसकर्मी रूबी के साथ विवाहेतर संबंध था, जिसके कारण उसने अपने परिवार के सदस्यों को मार डाला और उनके शव को बिसरख स्थित घर के तहखाने में दफना दिया. आरोपी ने कथित तौर पर उसी साल कासगंज में अपने दोस्त राजेंद्र की हत्या कर दी थी, ताकि पुलिस को यह विश्वास हो सके कि वह वही था, क्योंकि उसकी ऊंचाई और कद समान था.
ऐसे आरोपी तक पहुंची पुलिस पुलिस ने कहा कि यह मामला तब सामने आया जब फाइलों को फिर से खोला गया और सिर कटी लाश से डीएनए के नमूने लिए गए. कासगंज के एसपी बोत्रे रोहन प्रमोद ने कहा कि हम जिले के पुराने मामलों की समीक्षा कर रहे थे. जब हमने इस मामले की जांच शुरू की तो पाया कि लैब के नमूनों की जांच नहीं की गई थी. हमने आगरा में एफएसएल विभाग से संपर्क किया और डीएनए रिपोर्ट से पता चला कि तीन साल पहले मिला शव उस व्यक्ति का नहीं था जिसकी पहचान परिवार ने नहीं की थी. उसके बाद हम राकेश को ढूंढ निकालने में जुट गये और एक महीने बाद यह मामला सुलझ सका. आरोपी ने पहचान छुपाने के लिए अपना हुलिया भी बदला और ठिकाने भी.
बचने के लिए ये जतन करता रहा राकेशपुलिस ने बताया कि फरवरी 2018 में, राकेश के खिलाफ ग्रेटर नोएडा में उसकी पत्नी रत्नेश और दो बच्चों के गायब होने के बाद अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. महीनों बाद कासगंज में बिना सिर और कलाई का एक शव मिला, जिसकी पहचान राकेश के रूप में उसके भाई ने की थी. पुलिस ने कहा कि दोनों मामलों में जांच लंबित थी.
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पुलिस के अनुसार, हत्याओं के बाद राकेश ने अपनी नाक की प्लास्टिक सर्जरी करवाई और अपना सिर, मूंछें और दाढ़ी मुंडवा ली. फिर वह हरियाणा भाग गया और दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना शुरू कर दिया. इसके बाद राकेश कुछ समय के लिए जम्मू गया और फिर उत्तर प्रदेश वापस आ गया. इस बीच वह अपनी पहचान बदलता रहा. उसका एक उपनाम दिलीप शर्मा था और इसी नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया था.
पुलिस ने बताया कि ठिकाना बदलते रहने के बावजूद राकेश अपनी प्रेमिका के सम्पर्क में लगातार बना रहा. जब वह कासगंज में रूबी से मिलने गया था तब उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कासगंज पुलिस ने रूबी, राकेश के पिता बनवारी लाल, उसके भाई राजीव और दो अन्य रिश्तेदारों, इंद्रावती और प्रवेश को भी कथित हत्या और साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया है.
जानकारी के अनुसार, इसी मकान में राकेश रहता था जिसकी शादी 2012 में एटा में रहने वाली महिला रत्नेश के साथ हुई थी, लेकिन राकेश का प्रेम प्रसंग गांव में रहने वाली रूबी से चल रहा था, जो कि 2015 में पुलिस में कांस्टेबल पद पर तैनात हुई थी. जब रूबी ने राकेश पर शादी का दबाव बनाया तब उसने 14 फरवरी 2018 को अपनी पत्नी रत्नेश और दोनों बच्चों (3 साल के अर्पित और 2 साल की अवनी) को मार डाला और उनके शवों को घर के बेसमेंट में दफना दिया. यही नहीं, किसी को पता ना चले इसलिए उसके ऊपर सीमेंट का फर्श बना दिया. राकेश के पिता पुलिस से रिटायर्ड हैं.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
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