COVID-19 vaccines to potential adverse effects According to Global Study | COVID-19 Vaccine: कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी ग्लोबल स्टडी, टीका लगवाने के बाद इन बीमारियों का खतरा

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COVID-19 vaccines to potential adverse effects According to Global Study | COVID-19 Vaccine: कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी ग्लोबल स्टडी, टीका लगवाने के बाद इन बीमारियों का खतरा



COVID-19 Vaccine Risk: कोविड-19 वैक्सीन को लेकर एक बड़ा आंकलन किया गया है जिसमें टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट की जांच की गई. इसमें पाया गया है कि गुइलेन बर्रे सिंड्रोम, मायोकार्डिटिस, पेरीकार्डिटिस और सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस (CVST) के मामले कम से कम 1.5 गुना अधिक थे. एमआरएनए (mRNA) और चाडओएक्स1 (ChadOX1) टीके के बाद ये डाटा सोच से भी परे हैं. ये वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी की पिछली टिप्पणियों के अनुरूप है, और यही वजह है कि इन्हें COVID-19 के टीकाकरण के बाद ‘दुर्लभ’ दुष्प्रभावों के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

इन बीमारियों का खतरा
गुइलेन-बैरी सिंड्रोम एक डिसऑर्डर है जिसमें इम्यून सिस्टम हमारे नर्व्स पर हमला करती है. हालांकि यह शायद ही कभी घातक होता है, ये मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है और लंबे समय तक इलाज का कारण बन सकता है. सीवीएसटी होने पर आपके ब्रेन में खून के थक्के जमा हो जाते हैं. मायोकार्डिटिस और पेरीकार्डिटिस हार्ट टिश्यू की सूजन हैं. ये सभी सीरियस मेडिकल कंडीशंस हैं जो कई बार जानलेवा साबित हो सकते हैं.

इन देशों के लोगों पर रिसर्च
इस स्टडी को ग्लोबल कोविड वैक्सीन सेफटी प्रोजेक्ट ने अंजाम दिया है जिसमें 8 देशों के 99,068,901 लोग शामिल हैं जो इस प्रकार हैं अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, न्यूजीलैंड और स्कॉटलैंड. इस रिपोर्ट में खास तौर से फाइजर (Pfizer), मॉडर्ना (Moderna) और एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) वैक्सीन्स को शामिल किया गया है.
रिसर्चर्स ने स्पेशियल इंटरेस्ट की 13 प्रतिकूल घटनाओं की तलाश की जो टीका लगवाने वालों में शॉट दिए जाने के 42 दिनों के बाद तक हुईं. इन मेडिकल कंडीशंस में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, बेल्स पाल्सी, ऐंठन, मायोकार्डिटिस और पेरिकार्डिटिस शामिल थे.

भारतीयों पर नहीं हुई ये रिसर्च
इन आंकड़ों में भारत में मौजूद मरीजों को शामिल नहीं किया गया है, हालांकि, कोविड महामारी के दौरान ज्यादातर भारतीयों को ChAdOX1 या कोविशील्ड टीके लगाए गए थे. टीकों के तेजी से विकास और प्रशासन की आवश्यकता के कारण टीकाकरण के लिए नए तरीकों की एक रेंज देखी गई थी.
भारत में कितने लोगों को हुई परेशानी?
भारत की ही बात करें तो 6 दिसंबर 2022 तक 92,003 एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) को रिपोर्ट किया गया, ये आंकड़े तब से लिए गए हैं जब से कोरोना वायरस के टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी. क्रेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संसद में कहा था कि ये कोविड-19 वैक्सीन लेने वालों का तकरीबन 0.009% लोग हैं. सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा दिए गए एक हलफनामे में दावा किया गया है कि भारत की तुलना में, अमेरिका में लगभग 0.2% लोगों को, जिन्हें COVID-19 टीके मिले, उनमें AEFI दिखा, जैसा कि यूके में ये आंकड़ा 0.7% में था.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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