Green coffee health benefits: ग्रीन कॉफी भूनी हुई कॉफी बीन्स से अलग होती है. यह कॉफी के पौधे से प्राप्त बिना भुनी हुई कॉफी बीन्स हैं. ग्रीन कॉफी बीन्स में क्लोरोजेनिक एसिड सहित कई लाभकारी कंपाउंड की उच्च सांद्रता (high concentration) होती है. माना जाता है कि इस कंपाउंड के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जिसमें वजन घटाने का प्रभाव भी शामिल है.
ग्रीन कॉफी बीन्स में क्लोरोजेनिक एसिड एक प्रमुख कॉम्पोनेंट है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाला पॉलीफेनोल है. क्लोरोजेनिक एसिड मेटाबॉलिज्म और ग्लूकोज अवशोषण को प्रभावित करता है, जिससे संभावित रूप से वजन घटाने में मदद मिलती है. हालांकि ग्रीन कॉफी बीन्स में कैफीन होता है, लेकिन भुनी हुई कॉफी बीन्स की तुलना में इसकी मात्रा काफी कम होती है. यह उन लोगों के लिए ग्रीन कॉफी को एक अधिक उपयुक्त विकल्प बनाता है, जो कैफीन का सेवन कम करना चाहते हैं, जबकि अभी भी संभावित वजन घटाने के लाभों का लाभ उठाना चाहते हैं.ग्रीन कॉफी का किस तरह करें सेवन?
ग्रीन कॉफी ब्रू: ग्रीन कॉफी बीन्स को पीसकर या ग्राइंड करके एक कप पानी में उबाल लें. अब आपका कॉफी बनकर तैयार है. इसे आप दिन में दो या तीन बार पी सकते हैं.
ग्रीन कॉफी स्मूदी: आप ग्रीन कॉफी स्मूदी भी आजमा सकते हैं. ग्रीन कॉफी के अर्क या ब्रूड ग्रीन कॉफी को आगे बताई गई सामग्री के साथ मिलाकर एक पौष्टिक ग्रीन कॉफी स्मूदी बनाएं. अतिरिक्त पोषक तत्वों के लिए पालक या काले, नेचुरल मिठास के लिए एक केला, प्रोटीन के लिए ग्रीक दही और ताजा बनावट के लिए बर्फ के टुकड़े डाल सकते हैं. यह न केवल स्वाद बढ़ाता है बल्कि आपके वजन घटाने के आहार में पोषण मूल्य भी जोड़ता है.
कैप्सूल या टैबलेट: आप ग्रीन कॉफी को कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं. ध्यान रहे कि आप इसे दिन में एक या दो बार ही लें.
ग्रीन कॉफी के अन्य फायदे
डायबिटीज का खतरा कम: क्लोरोजेनिक एसिड ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे डायबिटीज के विकास का खतरा कम हो सकता है.
दिल की बीमारी का खतरा: ग्रीन कॉफी ब्लड प्रेशर को कम करने और ब्लड वेसेल्स को आराम देने में मदद कर सकती है, जिससे दिल की बीमारी के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है.
कैंसर का खतरा: क्लोरोजेनिक एसिड में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो कैंसर सेल्स के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं.
एंटी-एजिंग प्रभाव: ग्रीन कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट त्वचा के सेल्स को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं. इससे झुर्रियों और अन्य उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम किया जा सकता है.