Clot busting medicine can boost stroke patients recovery by over 50 percent Study | खून के थक्के गलाने वाली दवा से स्ट्रोक का इलाज मुमकिन, इस स्टडी ने बढ़ाई मरीजों की उम्मीद

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Clot busting medicine can boost stroke patients recovery by over 50 percent Study | खून के थक्के गलाने वाली दवा से स्ट्रोक का इलाज मुमकिन, इस स्टडी ने बढ़ाई मरीजों की उम्मीद



Stroke Treatment: झेजियांग यूनिवर्सिटी (Zhejiang University) की टीम ने, लॉस एंजिल्स, यूएस में आयोजित अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन (American Stroke Association) के हाल ही में हुए अंतर्राष्ट्रीय स्ट्रोक सम्मेलन 2025 (International Stroke Conference 2025) में अपना रिसर्च प्रेजेंट करते हुए बताया कि दवा इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke) की शुरुआत के 24 घंटे बाद तक दिए जाने पर असरदार है.
गोल्डन आवर का रखें ख्यालस्ट्रोक से पीड़ित मरीजों के लिए गोल्डन आवर, जो तब होता है जब ब्रेन के एक हिस्से में ब्लड फ्लो कम होने से सेल्स की मौत हो जाती है, लक्षणों की शुरुआत के बाद पहले 60 मिनट होते हैं, जिसके दौरान इलाज सबसे असरदार होता है. अब तक प्रभावी उपचार के लिए ज्ञात अवधि कुछ रोगियों के लिए 4.5 घंटे तक थी.
मरीजों को मिली नई उम्मीदस्टडी के नतीजे दुनिया भर में स्ट्रोक से पीड़ित रोगियों के लिए आशाजनक हैं, जो टाइम पीरियड के भीतर खून के थक्के गलाने वाली दवाओं तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, चीन में झेजियांग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन (School of Medicine) के दूसरे एफिलिएटेड अस्पताल में प्रोफेसर मिन लू (Min Lou) ने कहा.
कैसे की गई रिसर्च?उनकी स्टडी 372 स्ट्रोक पेशेंट्स पर बेस्ड था जिनके लक्षण 4.5 घंटे से 24 घंटे पहले शुरू हो गए थे. प्रतिभागियों को रैंडमली 2 ग्रुप्स में बांट दिया गया था. जबकि एक समूह को खून के थक्के गलाने वाली दवा अल्टेप्लेस मिली, दूसरे समूह को एंटीप्लेटलेट थेरेपी की स्टैंडर्ड स्ट्रोक केयर दी गई.
रिसर्च के नतीजेअल्टेप्लेस से इलाज किए गए तकरीबन 40 फीसदी प्रतिभागियों ने 90 दिनों के बाद थोड़ी या कोई विकलांगता नहीं दिखाई. इसके उलट, स्टैंडर्ड केयर हासिल करने वालों में से सिर्फ 26 फीसदी में कोई विकलांगता नहीं थी. फाइंडिंग्स अल्टेप्लेस के साथ कार्यात्मक रिकवरी की 54 फीसदी ज्यादा संभावना दिखाते हैं.
हालांकि, अल्टेप्लेस लेने करने वालों में ब्रेन में ब्लीडिंग का खतरा उन प्रतिभागियों की तुलना में ज्यादा था, जिन्होंने इसे नहीं लिया था (3.8 फीसदी बनाम 0.5 फीसदी), लेकिन रिसर्चर्स का मानना ​​है कि ये एक मैनेजेबल रिस्क है.
ज्यादा रिसर्च की जरूरत बताते हुए, मिन लू ने समझाया कि फाइंडिंग्स को लोगों के दूसरे ग्रुप्स पर लागू किया जाना चाहिए, खास तौर से अलग-अलग स्ट्रोक रिसक् और हेल्थ केयर रिसोर्सेस वाले क्षेत्रों में अल्टेप्लेस और ऐसी अन्य दवाओं की प्रभावकारिता और सुरक्षा को समझने के लिए.
(इनपुट-आईएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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