चतुर्मास में क्यों नहीं किए जाते मांगलिक कार्य, अयोध्या के ज्योतिष से जानें इसका कारण

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चतुर्मास में क्यों नहीं किए जाते मांगलिक कार्य, अयोध्या के ज्योतिष से जानें इसका कारण


सर्वेश श्रीवास्तव/ अयोध्या. हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य अथवा मांगलिक कार्य करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक शुभ मुहूर्त में किया गया कार्य शुभ फल प्रदान करता है. इतना ही नहीं शादी विवाह के लिए कुछ महीने बेहद अहम होते हैं तो वही सनातन धर्म में कुछ महीने मांगलिक कार्य करने पर रोक रहती है. यानी कि चतुर्मास लगने के बाद कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे आखिर क्यों चतुर्मास में मांगलिक कार्य करने पर परहेज है तो चलिए जानते हैं.

दरअसल, हिंदू पंचांग के मुताबिक देवशयनी एकादशी के दिन से चतुर्मास की शुरुआत होती है और यह चतुर्मास 4 महीने तक लगा रहता है. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, शादी-विवाह, गृह प्रवेश कार्य नहीं किए जाते हैं. अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस साल 29 जून से चतुर्मास का प्रारंभ हो रहा है जो 23 नवंबर तक समाप्त होगा.

योग निद्रा में रहेंगे भगवान विष्णु

इस वर्ष एक माह अधिक मास होने की वजह से इस साल का चतुर्मास 5 महीने तक का रहेगा. इस दौरान सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करते हैं इस वजह से कोई भी शुभ कार्य इस दौरान नहीं किया जाता. कोई भी शुभ कार्य अगर इस दौरान किया जाएगा तो वह फलदाई नहीं होता है. चतुर्मास की 4 महीने धर्म संस्कृत सेहत और परंपरा को एक सूत्र में पिरोते हैं. इतना ही नहीं जब भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा में रहते हैं तो उस दौरान सृष्टि की देखभाल भगवान शंकर करते हैं हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जब भगवान विष्णु अपनी गहरी निद्रा से उठते हैं तब फिर से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.

नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र द्वारा आधारित है न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है
.Tags: Chaturmas, Hindi news, Local18, Religion, Religion 18FIRST PUBLISHED : June 26, 2023, 18:35 IST



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