हाइलाइट्ससाल 2016 में चलती ट्रेन में गैंग रेप की घटना सामने आई थी. हाईकोर्ट ने इसपर स्वयं संज्ञान लेते हुए रेल मंत्रालय से जवाब मांगा है. लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 2016 में चलती ट्रेन में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार करने और उसे ट्रेन से फेंकने के मामले में स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई करते हुए रेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया है. अदालत ने पूछा है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी और न्यायमूर्ति बी.आर. सिंह की खंडपीठ ने मऊ में हुई उक्त घटना पर दायर स्वत: संज्ञान याचिका पर सोमवार को उक्त आदेश पारित किया.
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि घटना की पीड़िता को चार लाख रुपये मुआवजे में से दो लाख 81 हजार रुपये दिये गये हैं. इस पर अदालत ने पूछा कि अब तक बाकी रकम क्यों नहीं दी गई. मामले की अगली सुनवाई मार्च के पहले हफ्ते में होगी.
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इमारते ढहाने से रोक वाली याचिका खारिज एक अन्य मामले में बंबई हाईकोर्ट ने कलिना इलाके में मुंबई हवाई अड्डे के निकट एयर इंडिया कॉलोनी में 20 खाली इमारतों को ढहाने के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को खारिज कर दी. संबंधित मामले पर 13 फरवरी को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई तक हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने से भी इनकार कर दिया. एयर इंडिया स्टाफ कॉलोनी एसोसिएशन (एआईएससीए) ने याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) ने कॉलोनी में खाली इमारतों को अवैध रूप से तोड़ने की पहल की थी.
हालांकि, अडाणी समूह के नियंत्रण वाले एमआईएएल ने हाईकोर्ट को बताया कि वह केवल खाली इमारतों को ध्वस्त करेगा और परिसर में स्थित एक स्कूल समेत नियंत्रण में ली गईं इमारतों की उचित देखभाल की जाएगी. न्यायमूर्ति राजेश एन. लड्ढा की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एआईएससीए की याचिका खारिज कर दी.
.Tags: Crime News, Hindi news, Ministry of RailwaysFIRST PUBLISHED : February 5, 2024, 23:56 IST
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