चित्रकूट में यहां 45 दिनों तक चला निशुल्क प्रसाद वितरण, संत विपिन विराट महाराज ने संभाला था जिम्मा

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Last Updated:March 01, 2025, 23:52 ISTChitrakoot News: महाकुंभ के दौरान जहां कई लोगों ने मेले में घूमने निकले लोगों की मजबूरी का फायदा उठाया वहीं कुछ ऐसे लोग भी थे जो जाम में फंसे औऱ लंबे समय से सफर कर रहे लोगों की सहायता भी कर रहे थे. उन्हें पानी …और पढ़ेंX

फोटोचित्रकूट: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का समापन हो गया. इसी के साथ चित्रकूट कामदगिरि महाआरती स्थल पर बीते 45 दिनों से चल रहा निशुल्क प्रसाद वितरण कार्यक्रम का भी समाप्त हो गया. इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद वितरित किया गया. संत विपिन विराट महाराज के नेतृत्व में चले इस सेवा कार्य ने लाखों श्रद्धालुओं को भोजन की सुविधा प्रदान की.

श्रद्धालुओं की तकलीफ देख लिया संकल्पसंत विपिन विराट महाराज ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन जब हाईवे पर भारी जाम लग गया था तब हजारों श्रद्धालु घंटों तक भूख-प्यास से परेशान रहे. जब उन्हें मीडिया के जरिए इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने स्वयं वहां पहुंचकर श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद वितरित किया. उसी दिन उन्होंने संकल्प लिया कि पूरे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क प्रसाद बांटेंगे.

कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में स्थित कामदगिरि महाआरती स्थल पर विशाल भंडारे का आयोजन शुरू हुआ, जो पूरे 45 दिनों तक लगातार चला. इसमें सुबह, दोपहर और शाम तीनों बेला में श्रद्धालुओं को अलग-अलग प्रकार का प्रसाद वितरित किया गया.

लाखों श्रद्धालुओं ने लिया प्रसादसंत विपिन विराट महाराज के जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 70 से 80 लाख श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटा गया है. उनका कहना है कि अगर आगे भी श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है तो वह इस सेवा को जारी रखेंगे. उन्होंने कहा तीर्थ क्षेत्र में रहने के नाते श्रद्धालुओं की सेवा करना हमारा कर्तव्य है. यह सेवा हम कामतानाथ भगवान के आशीर्वाद से कर रहे हैं और आगे भी जब तक जरूरत होगी हम निशुल्क प्रसाद वितरण करते रहेंगे. महाकुंभ 2025 के समापन के साथ ही यह 45 दिवसीय प्रसाद सेवा अभियान भले ही समाप्त हो गया हो लेकिन संत विपिन विराट महाराज का यह समर्पण और सेवा भावना श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.
Location :Chitrakoot,Uttar PradeshFirst Published :March 01, 2025, 23:52 ISThomeuttar-pradeshचित्रकूट में 45 दिनों तक चला निशुल्क प्रसाद वितरण, इस संत ने संभाला था जिम्मा

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