धीरेंद्र शुक्ला/चित्रकूट: चित्रकूट का चंदेल कालीन लौरी किला काफी चर्चित और प्रसिद्ध माना जाता है. यह लौरी किला पहाड़ी में करीब 100 फीट ऊंचाई पर जाने के बाद गुफा में है. इस किले को देखने के लिए लगभग भारी संख्या में पर्यटक आज भी पहुंचते हैं. किले में पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रास्ता सही ना होने की वजह से लोगों को काफी परेशान का सामना करना पड़ता है. किले के पास गुफा को देखने में लोग अपने आप को असहाय महसूस करते हैं. गुफा काफी खतरनाक बनी हुई है. किले में विषैले जीव जंतुओं का खतरा भी बना रहता है. ये लौरी किला चित्रकूट के रामनगर में मौजूद है.
चित्रकूट के इतिहासकार गुंजन मिश्रा बताते हैं कि लौरी किला एक रहस्यमई किला के नाम से जाना जाता है. किले के अग्रभाग में ही एक प्राचीन मानव निर्मित गुफा है. जिसमें 2 शिवलिंग स्थापित है. पहला शिवलिंग काफी मोटा और इसे सहस्त्र लिंग भी कहते हैं. इस गुफा के प्रवेश द्वार में महात्मा बुद्ध की प्रतिमाएं अंकित हैं और गुफा के अंदर कई ध्यान स्थल आज भी मौजूद हैं.
रहस्यमई है इतिहासइस गुफा के अंदर बौद्ध धर्म से जुड़े बड़े-बड़े रहस्य आज भी छिपे हैं. जिनके शोध की आवश्यकता आज भी है. बुंदेलखंड के 2 ऐतिहासिक किलो के विषय में सुना होगा. लेकिन धर्म नगरी चित्रकूट में एक ऐसा प्राचीन किले के अवशेष मिले हैं, जिन्हें देखकर इतिहासकार हतप्रभ है. यह प्राचीन किला लौरी गांव में मौजूद है. इस किले का इतिहास जितना रहस्यमई है उतना ही यहां मौजूद प्राचीन चीजें भी लोगों को हैरान करत देती हैं. यह किला पत्थरों से घिरा हुआ है, जो काफी सुंदर और शानदार दिखाई देता है.
.Tags: Chitrakoot News, Local18, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : August 10, 2023, 11:50 IST
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