रिपोर्ट- धीरेन्द्र शुक्ला
चित्रकूट. गांव में काम न मिलने से परिवार की रोजी रोटी चलाने के लिए ग्रामीण गांव छोड़कर शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं. चित्रकूट में एक ऐसा गांव जहां पर महिलाओं के मुकाबले मर्दों की संख्या ना के बराबर है. रोजी रोटी कमाने गए लोग गांवों में केवल महिलाओं, वृद्धों और बच्चों को छोड़ गए हैं. बड़ी संख्या में ग्रामीण अपना घर, खेत, गांव, मां-बाप और बच्चों को छोड़कर रोजी रोटी के लिए शहरों की ओर चले गए हैं, यह सिलसिला बराबर चल रहा है.
चित्रकूट के मनिकपुर तहसील के अंतर्गत 1,200 की आबादी वाले अमचूर नेरूआ गांव के लोगों की यह दर्द भरी दास्तां है. इस गांव का हर नौजवान अपना घर बार छोड़ कर पलायन करने को मजबूर है. बेरोजगार ग्रामीण रोटी के लिए काम की तलाश में अन्य प्रदेशों में पलायन को मजबूर हैं. गांव में परिवार के कुछ सदस्य, बच्चे भर रह गए हैं. खेती से रोजी रोटी का जुगाड़ न होने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण गांव छोड़कर काम की तलाश में महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं.
गांव की महिला का दर्द सुने
इसी लाचारी के साथ यहां की रहने वाली देवकली ने बताया कि उसका पति तीन बच्चों को छोड़ कर के महाराष्ट्र में रहता था. एक दिन अचानक बेटी की तबीयत खराब हो गई और उसका इलाज नहीं करा पाए. क्योंकि गांव से जिला मुख्यालय जाने के लिए उसके पास कोई सहारा नहीं था. यदि आज हमारे पति होते तो बेटी का इलाज तो समय पर हो जाता है. मजबूरी में हम लोगों के पति अन्य जगह कमाने के लिए जाते हैं.
गांव के प्रधान के बयान
प्रधान पति मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि चित्रकूट एक पिछड़ा जनपद है. यहां आज भी मूलभूत सुविधाएं कई इलाकों में नहीं है. जिसकी वजह से लोग मजबूरी में अपना गांव छोड़कर के अन्य प्रदेश की ओर जा रहे हैं. उसका यही कारण है कि यदि यहां पर रोजगार होता तो शायद लोग पलायन नहीं करते, लेकिन किसी प्रकार का कुछ नहीं होने की वजह से लोग अपने दो वक्त की रोटी इंतजाम करने के लिए अन्य प्रदेशों का सहारा ले रहे हैं. इस बार का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि फसल भी बर्बाद हो गई.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, Latest hindi news, UP newsFIRST PUBLISHED : April 04, 2023, 19:24 IST
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