रिपोर्ट:-धीरेन्द्र शुक्लाचित्रकूट: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो रहा है – जिससे करोड़ों भक्तों की आस्था को नया आयाम मिल ही रहा है. वहीं दूसरी तरफ आस्थावान भारतीय समाज काशी और मथुरा को लेकर भी आशान्वित है. काशी में भगवान महादेव ”विश्वनाथ शिवलिंग” के रूप में विराजमान है और वहां पर विश्वनाथ कॉरिडोर भी बन चुका है- भक्तों का मानना है कि भगवान का मूल शिवलिंग भी अपने स्थान पर विराजमान होगा. वहीं मथुरा में कॉरिडोर बनने की पूरी कवायद चल रही है.
ऐसे में प्रभु श्रीराम के तपोस्थली चित्रकूट जहां उन्होंने अपने 14 वर्ष के वनवास का 12 वर्ष का समय बिताया.जहां के कण-कण में श्री राम का चरण रज मौजूद है. जहां श्रीराम ने कामदगिरि पर्वत को वरदान दिया- जिसके कारण भक्त कामदगिरि की परिक्रमा कर सच्चे मन से प्रार्थना कर अपनी मुरादे पूर्ण कर स्वयं को धन्य मानते हैं और जहां पर कलयुग में प्रभु श्री राम ने अपने परम भक्त तुलसीदास को दर्शन देकर उन्हें महाकवि तुलसीदास बना दिया. आज वहीं से साधु संतों ने 2024 में काशी और मथुरा में मंदिर बनने की तारीख का ऐलान कर दिया है.
जानिए क्या है पूरा मामलादरअसल कामदगिरि पर्वत पर स्थित कामतानाथ मंदिर के महंत मदन गोपाल दास ने अयोध्या में बन रहे प्रभु श्री राम के मंदिर की तर्ज पर काशी और मथुरा में मंदिर बनने की तारीख का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि 2024 में साधु संतों के प्रयास और आस्थावान समाज के उर्जा से काशी और मथुरा में भी भगवान को अपने मूल स्वरूप में विद्यमान करने का सैकड़ों वर्ष पुराना संकल्प पूर्ण होगा.
साधु संतों का कहना है कि सैकड़ों वर्षो से प्रभु श्री राम की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर देखने के लिए उनकी आंखें बेचैन थी. आज जब मंदिर बन रहा है ऐसे में साधु संत और भारतीय आस्थावान समाज अब चाहता है कि काशी और मथुरा में भी भगवान महादेव के विश्वनाथ स्वरूप के अद्भुत अलौकिक और अविस्मरणीय स्वरूप के मूल दर्शन प्राप्त हो. तो वहीं मथुरा में भगवान श्री कृष्ण के जन्मस्थली पर उनके बाल स्वरूप का दर्शन करने वाला दिव्य मंदिर तैयार हो. ऐसी चित्रकूट के साधु संतों की प्रबल इच्छा है और यही कारण है कि उन्होंने 2024 में काशी और मथुरा में मंदिर बनने की तारीख का ऐलान कर दिया है.
क्या है कामदगिरि पर्वत का महात्म्य और महत्व?चित्रकूट धाम में कामदगिरि पर्वत पर ही भगवान श्रीराम ने माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ रहकर अपने वनवास धर्म का पालन किया था. कामदगिरि पर्वत को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम ने आशीर्वाद दिया था कि कलयुग में तुम्हारी परिक्रमा मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. यही कारण है कि लाखों श्रद्धालुओं की टोली अमावस्या को पहुंचकर कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करते ही हैं. लेकिन वर्ष भर यहां पर श्रद्धालु कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करते ही रहते हैं. कामदगिरि पर्वत के कण-कण में प्रभु श्री राम और माता सीता और भैया लक्ष्मण के चरण रज मौजूद हैं. ऐसे में यहां के महंत मदन गोपालदास के साथ साधु-संतों के द्वारा काशी और मथुरा में भगवान महादेव और प्रभु श्री कृष्ण के भव्य मंदिर 2024 में बनाने की चर्चा होना बड़ा संदेश देता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : January 09, 2023, 12:25 IST
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