यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)पेशाब की नली में होने वाला संक्रमण है. यह समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है. हालांकि यह इंफेक्शन पुरुषों और लड़कों के तुलना में औरतों और लड़कियों में बहुत कॉमन होता है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के अनुसार बच्चों में ज्यादातर यूरिन इन्फेक्शन (UTI) पाचन तंत्र से यूरिया (मूत्र मार्ग) में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया के कारण होता है। इसके होने का एक अहम कारण शौच के बाद सही तरीके प्राइवेट पार्ट की सफाई नहीं होना होता है. शिशुओं के मामले में, उनके मल के छोटे-छोटे कण जिनमें बैक्टीरिया होते हैं, जो यूरिया में पहुंचकर इंफेक्शन फैलाते हैं.
बच्चों में यूटीआई के लक्षण
पेशाब करते समय रोना या बेचैनी होनाकंट्रोल ना हो पाने के कारण बिस्तर पर पेशाब करनाबिना किसी स्पष्ट कारण बुखार आना पेशाब का रंग गहरा या उसमें दुर्गंध आना पेट के निचले हिस्से में दर्द खाने-पीने में कमी या उल्टी
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बचाव के उपाय
– बच्चों को नियमित अंतराल पर पेशाब करवाएं, इससे बैक्टीरिया मूत्र मार्ग में जमा नहीं होंगे.
– बच्चों के प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का ध्यान रखकर आप यूटीआई के जोखिम को कम कर सकते हैं. खासतौर पर शौच के बाद ध्यान रखें कि प्राइवेट पार्ट को आगे से पीछे की ओर वाइप किया जाए.
– बच्चों को टाइट फिटिंग वाले अंडर गारमेंट्स पहनाने से बचें. इससे एयर सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता है, जो बाद में यूटीआई इंफेक्शन का कारण बनता है.
– बॉडी के कचरे को शरीर से निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी होता है. ऐसे में बच्चों को यूरीनरी ट्रैक्ट के इंफेक्शन से बचाने के लिए पर्याप्त लिक्विड पिलाएं. इसके साथ ही बच्चों को संतुलित आहार दें और जंक फूड से परहेज कराएं.
– डायपर बदलते समय आगे से पीछे की ओर साफ करें. लड़कियों के लिए खासतौर पर इस बात का ध्यान रखें.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.