वाराणसी: धर्म नगरी काशी को ‘मिनी बिहार’ कहा जाता है. सूर्य उपासना के महापर्व छठ पर इसकी खासी रंगत देखने को मिल रही है. वाराणसी से सभी 84 घाटों पर व्रती महिलाओं ने गुरुवार को डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया. इस दौरान काशी के घाटों लाखों की भीड़ दिखाई दी. वाराणसी के गंगा घाटों के अलावा बीएलडब्ल्यू स्थित सूर्य सरोवर और वरुणा किनारे घाटों पर भी खासी भीड़ दिखी.अस्सी घाट पर पूजा कर रही मंजू ने बताया कि छठ पूजा का बहुत महत्व है. इस पूजा और व्रत के प्रभाव से व्रती महिलाओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है. इसके अलावा संतान की आयु भी लंबी होती है. इसके अलावा घाट पर कई महिलाएं अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के बाद पूजा और व्रत करती भी दिखाई दी.कल उगते सूर्य को दिया जाएगा अर्ध्यचार दिनों के इस पर्व के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया गया. उसके बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर इस व्रत का समापन होगा. व्रत के बाद महिलाएं प्रसाद का वितरण भी करती हैं. धार्मिक मान्यता है कि व्रत के बाद प्रसाद का वितरण जरूर करना चाहिए. इससे छठी मैया सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं. वाराणसी के घाटों पर सुबह से ही छठ की रंगत दिखाई दे रही है. स्थानीय कलाकार लोकगीतों के जरिए घाटों पर समा बांध रहे है. यह क्रम लगभग पूरे दिन चलता रहा.भक्तों में दूध का वितरणवाराणसी के अस्सी घाट पर जय मां गंगा सेवा समिति द्वारा व्रती महिलाओं को भगवान सूर्य को अर्ध्य देने के लिए निःशुल्क दूध का वितरण भी किया गया. समिति से जुड़े श्रवण मिश्रा ने बताया कि आज 51 लीटर दूध का वितरण हुआ है और कल सुबह भी भक्तों में दूध का वितरण किया जाएगा.FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 17:33 IST