छोटी सी दुकान में चाय की ‘मिठास’ ऐसी कि फर्क मिट गया हिंदू-मुस्लिम का, समझें माजरा

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छोटी सी दुकान में चाय की 'मिठास' ऐसी कि फर्क मिट गया हिंदू-मुस्लिम का, समझें माजरा



गोरखपुर. यूपी के गोरखपुर के गोलघर का बाजार हो और वहां खरीददारी करने के दौरान चाय की दरकार हो तो मन मारने की जरूरत नहीं है. बड़ी-बड़ी चमचमाती आकर्षक दुकानों के बीच एक छोटी सी गलीनुमा चाय की दुकान आपकी यह डिमांड पूरी कर देगी. आपको बता दें कि यह कोई मामूली चाय की दुकान नहीं है बल्कि बीते पांच दशक से यह ग्राहकों की उम्मीद और जीभ पर खरा उतर रही है. यहां की चाय जरूर कुछ खास है, तभी तो पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह भी इस चाय के मुरीद थे.बहरहाल, एक जमाना वह भी था जब गोलघर की आधी दुकानों में इसी चाय का जलवा था. चायमंगलम टावर के बगल में मौजूद इस चाय की दुकान के मालिक मोहम्मद मुजीब खां कभी यादव के नाम से मशहूर थे. तंगी के दिनों में उन्हें यह दुकान शहर के रईस मुग्गन बाबू ने उपलब्ध कराई थी. उन दिनों वहां चाय की कोई दुकान नहीं थी, तो मुजीब को अपना बाजार बनाने में कोई खास दिक्कत नहीं हुई.ऑन डिमांड पहुंचती थी चायआसपास की सभी दुकानों पर उनकी चाय ऑन डिमांड पहुंचने लगी. वहीं, अंगीठी पर बनी सोंधी चाय सभी के मन को खूब भा रही थी. जब कभी इधर से पूर्व सीएम वीर बहादुर सिंह गुजरते थे, तो यहां रुककर चाय पी लिया करते थे.कोयले की सोंधी चायकई ग्राहक नियमित रूप से चाय पीने आते हैं क्योंकि आज भी मुजीब की सोंधी चाय कोयले की अंगीठी पर ही बनती है. चाय की गुणवत्ता को लेकर मुजीब किसी समझौते को तैयार नहीं. हालांकि अब उनकी दुकान बेटे बबलू संभालते हैं और दुकान की ख्याति भी उन्हीं के नाम से हो चली है, लेकिन गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मुजीब यानी यादव दुकान खुलने से लेकर बंद रहने तक मौजूद रहते हैं.चाय है लजीजदुकान पर चाय पी रहे ग्राहक राम ललित ने बताया कि हम लोग शहर में रिक्शा चलाते हैं. जब भी चाय पीना होता है तो इसी दुकान पर पीते हैं. एक ग्राहक ठाकुर पासवान ने बताया कि इस दुकान की चाय बहुत ही लजीज होती है. अगर आप एक बार चाय पी लेंगे तो आपका दिल बार-बार इस चाय के लिए उतावला होता रहेगा. चाय की कीमत बस 10 रुपये है.40 साल से कायम है स्‍वादचाय की दुकान के संचालक मोहम्मद मुजीब ने बताया कि जब मैं शुरू में यहां आया था, तो इतनी दुकानें गोलघर में नहीं हुआ करती थीं. लोग मुझे मजाक मजाक में यादव जी यादव जी कहकर पुकारने लगे. उसी नाम से मशहूर हो गया. कभी-कभी मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह यहां आते थे, तो हमारे यहां चाय जरूर पीते थे. मेरे दुकान के बगल में ही उनका बंगला था. साथ ही बताया कि दुकान खुले लगभग 40 वर्ष बीत चुके हैं. अब दुकान को मेरा बड़ा बेटा बबलू संभालता है. मैं केवल देखरेख के लिए यहां बैठा रहता हूं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : November 28, 2022, 19:00 IST



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