आदित्य कृष्ण/अमेठी: बिहार के साथ-साथ अब उत्तर प्रदेश की कई जिलों में छठ पूजा का प्रचलन तेजी से बढ़ गया है. आस्था और भारतीय संस्कृति का प्रतीक माने जाने वाले छठ पूजा का आयोजन अमेठी में भी 8 से अधिक घाटों पर होता है. करीब 8 वर्षों से इस परंपरा का आयोजन यहां हो रहा है. खास बात है कि एक परिवार ने इस परंपरा की शुरुआत अमेठी में की थी. जिसके बाद से यह परंपरा स्थानीय लोगों के सहयोग से कभी नहीं टूटी. आज महिलाएं अपने परिवार अपने पति और बच्चोंकी रक्षा के लिए इस व्रत को पूरी आस्था के साथ रखती हैं.
छठ पूजा में कई मान्यताएं होती हैं इस व्रत का आयोजन तीन दिनों तक लगातार किया जाता है. भक्ति और आस्था का महापर्व इस बार भी हर साल की तरह 17 से 20 नवंबर के दौरान मनाए जाएंगे. महिलाएं करना से लेकर नहाए खाए सहित अलग-अलग विधाओं को पूरा कर उगते सूरज और डूबते सूरज को अर्घ्य देती है. मान्यता है कि ऐसा करने से महिलाओं के पति की आयु दीर्घ होती है. उनके परिवार में सुख समृद्धि और खुशियां सदैव रहती हैं.
हजारों लोग होते हैं शामिलछठ पूजा का पर्वअमेठी के आठ घाटों पर किया जाता है. इसमें गौरीगंज जिला मुख्यालय के लोदी बाबा मंदिर घाट, मुसाफिरखाना के डंडेश्वर घाट, संग्रामपुर के मालती नदी घाट के साथ महाराजपुर के दशरथ घाट सहित 4 अन्य घाट पर इस पर्व का आयोजन किया जाता है. इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी है. ताकि शहर के हर हिस्से के श्रद्धालु पूरी आस्था और उत्साह के साथ छठ का आनंद ले सकें.
छठ पूजा से जुड़ी है लोगों की आस्थाव्रत रखने वाली महिला उर्मिला त्रिपाठी बताती है कि इस व्रत को हम सब कई वर्षों से कर रहे हैं. पहले यहां पर व्यवस्थाएं नहीं होती थी लेकिन बीते 8 वर्षों से यहां पर प्रशासन की तरफ से सारी व्यवस्थाएं की जाती हैं. जिसके कारण से हम सबको काफी सहूलियत मिलती है और 3 दिनों तक इस आस्था के पर्व को हम सब अच्छे ढंग से उत्साह सहित मानते हैं.
घाटों पर सभी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देशजिला पंचायत सदस्य केडी सरोज ने कहा कि यहां पर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं जो भी भक्त यहां पर आकर पूजा पाठ करते हैं उन्हें सारी व्यवस्थाएं प्रशासन की तरफ से और हम सब की तरफ से उपलब्ध कराई जाती हैं. करीब 8 वर्षों के अधिक समय से यहां पर हम सब इस कार्यक्रम का सफल आयोजन कर रहे हैं. इस बार भी तीन दिनों तक इस माह पर्व पर सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त रहेंगी.
.Tags: Amethi news, Chhath Mahaparv, Local18FIRST PUBLISHED : November 16, 2023, 21:50 IST
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