चेपॉक का सबसे ‘डरावना’ डेब्यू, 19 साल के लड़के के सामने कांप उठे थे विव रिचर्ड्स, 36 साल से अमर है ‘महारिकॉर्ड’

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चेपॉक का सबसे 'डरावना' डेब्यू, 19 साल के लड़के के सामने कांप उठे थे विव रिचर्ड्स, 36 साल से अमर है 'महारिकॉर्ड'



Unbreakable Record of Cricket: इन दिनों भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ चेपॉक में टेस्ट मैच खेल रही है. जहां कई रिकॉर्ड्स बनते दिख रहे हैं और इनका शोर चरम पर है. कभी बुमराह की खास क्लब में एंट्री की तो कभी अश्विन का ऐतिहासिक शतक.  इस बीच हमने सोचा आपको ऐसे रिकॉर्ड से वाकिफ करवाते हैं जिसपर विश्वास करने में भी समय लगे. 36 साल पहले चेपॉक के ही मैदान पर एक गेंदबाज ने ऐसा चमत्कार किया कि सबसे महान ऑलराउंडर कपिल देव की भी आंखे फटी रह गई थीं. 
डेब्यू मैच में बनाया चमत्कारी रिकॉर्ड
साल 1988, जब कपिल देव और रवि शास्त्री समेत कई बड़े धुरंधरों के साथ टीम इंडिया चेपॉक के मैदान में उतरी. सामने थी वेस्टइंडीज, उस दौर की वो टीम जिसकी दहशत दुनियाभर में थी क्योंकि टीम में मौजूद थे महान विव रिचर्ड्स. इंडियन टीम के कप्तान रवि शास्त्री ने महज 19 साल के मासूम से लड़के को घातक टीम के सामने डेब्यू करवा दिया. हम बात कर रहे हैं नरेंद्र हिरवानी की, जिन्हें विंडीज के दिग्गज अनुभवहीन बच्चा समझ रहे होंगे. 
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विवियन रिचर्ड्स ने 2 बार टेक दिए घुटने
भारत ने पहली पारी में 382 रन स्कोरबोर्ड पर टांग दिए थे. लेकिन विंडीज के कप्तान रिचर्ड्स टेंशन फ्री थे क्योंकि उनकी टीम के लिए लीड लेना बाएं हाथ का खेल था. लेकिन क्या पता था 19 साल का लड़का उन्हें और उनकी टीम को नचाकर फेंक देगा. सलामी बल्लेबाजों का काम तमाम कर कपिल देव और रवि शास्त्री खुद को मैच का हीरो समझ रहे होंगे, लेकिन जब बारी आई हिरवानी की तो उन्होंने दिग्गजों को विकेट का मौका नहीं दिया. पहली पारी में हिरवानी विवियन रिचर्ड्स समेत 8 बल्लेबाजों का सूपड़ा साफ कर दिया. 
पूरे मैच में झटके 16 विकेट
पहली पारी में 184 रन पर सिमटने और दिग्गजों के विकेट के बाद विंडीज में हिरवानी की दहशत फैल चुकी थी. दूसरी ओर टीम इंडिया के प्लेयर्स हिरवानी को देख उनके इस चमत्कार पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे. दूसरी पारी में भारत ने 217 रन बनाए और फिर आई गेंदबाजी. हिरवानी की फिरकी एक बार फिर बल्लेबाजों की समझ से परे निकली. रिजर्ड्स को इस बार हिरवानी ने दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार करने दिया. ताश के पत्तों की तरह विंडीज की टीम 160 के स्कोर पर सिमट गई और हिरवानी के नाम फिर 8 विकेट थे. जादुई गेंदबाजी की बदौलत उन्होंने एक टेस्ट में 16 विकेट का रिकॉर्ड बनाया जो आज भी कायम है. 



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