What Is Adenoid Cystic Carcinoma: शार्लोट रूनी, जो इंग्लैंड में रहती हैं, 34 साल की प्राइमरी टीचर और मां हैं, उन्होंने पहली बार जनवरी 2024 में महसूस किया कि उनका नाक जाम हो गया है. ये एक आम बीमारी है जो अक्सर सर्दियों में महसूस की जाती है. शुरुआत में शार्लोट ने इसे कोल्ड समझकर नजरअंदाज कर दिया, लेकिन जब कई दिनों तक ये परेशानी बरकरार रही तो उन्होंने डॉक्टर की मदद ली
इस रेयर कैंसर का पता लगाडेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक शार्लोट ने कई बार डॉक्टर के पास विजिट किया, लेकिन इस बीमारी को ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया (Trigeminal Neuralgia) के रूप में मिसडायग्नोज कर लिया, लेकिन बाद में महिला को चेहरे में तेज दर्द का अहसास हुआ और उन्होंने एक निजी ईएनटी की सलाह की डिमांड की. एक नेजल एंडोस्कोपी (Nasal Endoscopy) में एक तरह के ग्रोथ का पता चला. बाद में ये कंफर्म हो गया कि शार्लोट को एडेनोइड सिस्टिक कार्सिनोमा (Adenoid Cystic Carcinoma) यानी एसीसी (ACC) नामक बीमारी है. ये एक रेयर और पोटेंशियली अग्रेसिस सिर और गर्दन का कैंसर है. ये जानकर महिला हैरान रह गई कि जिस बीमारी को वो मामूली समझ रही थी वो असर में कैंसर है.
एसीसी कैंसर के लक्षण और चैलेंज
एसीसी एक स्लो स्पीड से बढ़ने वाला कैंसर है जो अक्सर नर्व फाइबर पर अटैक करता है, जिससे दर्द, सुन्नता और जलन जैसे यूनिक लक्षण पैदा होते हैं. ये रेयर है, और यूनाइटेड किंग्डम (UK) में सालाना इसके महज 87 के करीब मामले आते हैं. आमतौर पर 40-60 एज ग्रुप के लोगों को प्रभावित करता है. कई कैंसरों के उलट, एसीसी का लाइफस्टाइल या जेनेटिक फैक्सर्स से कोई मजबूत संबंध नहीं है. सामान्य लक्षणों में गांठ, सूजन और निगलने या सांस लेने में दिक्कतें शामिल हैं, जो ट्यूमर के लोकेशन पर निर्भर करता है.
शार्लोट का ट्यूमर उसकी दाहिने साइनस में था और ये उसके चेहरे की नसों के साथ और क्रिटिकल आर्टरीज के पास फैलना शुरू कर दिया था. कैरोटिड आर्टरी की नजदीकी के कारण सर्जरी की कोशिश की गई लेकिन इसे बाद में रोक दिया गया. फिर हाई डोज रेडियोथेरेपी के जरिए कैंसर को कंट्रोल करने का फैसला किया गया.
एसीसी का इलाज
शार्लोट पर इस ट्रीटमेंट का फिजिकल और इमोशनल असर पड़ा, जिसमें उसके मुंह में गंभीर जलन भी शामिल है, के बावजूद, महिला ने ओरेकल हेड एंड नेक कैंसर यूके (Oracle Head and Neck Cancer UK) के लिए एक फंड रेजिंग फेस्टिवल आयोजित किया. अपनी चुनौतियों के बावजूद इस इवेंट में सिंगिंग के जरिए शॉर्लट ने 6,000 पाउंड से ज्यादा रकम जुटाए और उसे इमोशनल ताकत हासिल की.
खुशी की बात ये रही कि, कुछ हफ्ते बाद एक एमआरआई स्कैन में कोई पता लगाने लायक कैंसर नहीं दिखा, जो अहम सुधार का संकेत दे रहा था. चूंकि एसीसी कैंसर के दोबारा होने का रिस्क होता है, इसलिए रेगुलर मॉनिटरिंग जारी रही.
इस कहानी से हमने क्या सीखा?शार्लोट की कहानी से हम ये सीख सकते हैं कि अपने शरीर के लक्षणों को पहचानने और प्रोपर मेडिकल ट्रीटमेंट की हमेशा जरूरत होती है. एसीसी कैंसर के हल्के लक्षणों को लोग आसानी से नजरअंदाज कर देते हैं, जो ये बताता है कि हमें अवेयरनेस की कितनी जरूरत है. ऐसे रेयर कैंसर केस से बचने और सही ट्रीटमेंट हासिल करने के लिए ये जरूरी है कि हम अर्ली डिटेशन की कोशिश करें और बीमारी बढ़ने का इंतजार न करें.
(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)